लखनऊ: प्रदेश के गन्ना आयुक्त श्री विपिन कुमार द्विवेदी ने बताया कि मोदी समूह के मालिक श्री उमेश मोदी, सिम्भावली समूह की मालिकिन श्रीमती सिमरन कौर मान एवं गुरु पाल सिंह, राणा समूह के मालिक श्री राणा इन्दर प्रताप सिंह एवं श्री राना करन प्रताप सिंह एवं मावाना समूह के मालिक श्री सिद्धार्थ श्रीराम के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में सम्बन्धित थाने मे एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गयी।
श्री द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा इन मालिकों की तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिये गये थे, जिसके क्रम में गिरफ्तारी हेतु पुलिस द्वारा इनके आवासों पर छापे डाले गये। मोदी के दिल्ली आवास पर छापे के दौरान बताया गया कि मोदी लन्दन में हैं। सिमरन कौर मान के दिल्ली आवास पर छापे के दौरान वह आवास पर नहीं मिलीं। राणा समूह के मालिकों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस ने उनके चण्डीगढ़ आवास पर छापा डाला, जहाँ वह उपस्थित नहीं मिले। बताया गया कि राणा इन्दर प्रताप सिंह युगाण्डा गये हैं। करन प्रताप सिंह का पता नहीं चल पाया।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि पुलिस इन मिल मालिकों की गिरफ्तारी हेतु निरन्तर प्रयासरत् है और इन मालिकों के बारे में खोज-बीन की जा रही है। इसके अलावा 09 बड़े बकायेदार चीनी मिलों के विरुद्ध आर0सी0 भी जारी कर दी गयी है, जिनमें से 08 उपरोक्त समूह/मालिकों की चीनी मिलें भी हैं। निर्गत आर0सी0 सम्बन्धित जिलाधिकारियों को तत्काल कार्यवाही हेतु प्रेषित कर दी गयी है।
प्रदेश सरकार द्वारा जिलाधिकारियों को निर्गत आर0सी0 पर तत्काल अग्रेतर कार्यवाही करने एवं बकाया गन्ना मूल्य की इनसे वसूली कर किसानों को भुगतान कराने के निर्देश दिये गये हैं। निर्गत आर0सी0 के क्रम में जिला प्रशासन अब इन मिलों की चीनी, शीरा, बगास व अन्य चल व अचल सम्पत्यिों की कुर्की/नीलामी कर सकेगा, जिससे किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान कराने में मदद मिलेगी। चीनी मिलों को आर0सी0 के क्रम में बकाया गन्ना मूल्य के साथ-साथ विलम्बित अवधि का ब्याज एवं इस पर संग्रह व्यय के रूप में 10 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि का भुगतान करना पड़ेगा।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि पेराई सत्र 2015-16 के कुल देय गन्ना मूल्य 18,003 करोड़ रुपये के सापेक्ष 15,886 करोड़ रुपये का भुगतान करा दिया गया है, जो कुल देय का 88.24 प्रतिशत है तथा मात्र 2,117 करोड़ रुपये अवशेष है। पेराई सत्र 2015-16 में संचालित कुल 117 चीनी मिलों में से निगम क्षेत्र की 01, सहकारी क्षेत्र की सभी 24 एवं निजी क्षेत्र की कुल 92 में से 35, कुल 60 चीनी मिलों से राज्य परामर्शित मूल्य की दर से शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है।
श्री द्विवेदी ने बताया कि सर्वाधिक बकायेदार जिन 09 चीनी मिलों यथा-मोदीनगर, मलकपुर, मावाना, तितावी, बृजनाथपुर, चिलवरिया, ऊन, बिलारी एवं बहेड़ी की आर0सी0 जारी की गयी है, इनका भुगतान 40 प्रतिशत से भी कम है और इनके ऊपर गन्ना मूल्य की कुल 1,035.20 करोड़ रुपये बकाया है।