भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने बुधवार को 2018 एआईबीए विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप के लोगो और एंथम का अनावरण कर दिया। इस चैम्पियनशिप का आयोजन 15 से 24 नवम्बर तक नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम परिसर में स्थित केडी जाधव हॉल में होगा। स्टार मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को इस आयोजन का ब्रांड एम्बेसेडर बनाया गया है। लोगो के अनावरण के अवसर पर पांच बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम की अगुवाई में भारतीय टीम के सदस्यों के अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह सहित महासंघ के अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
यह लोगो महिलाओं के अंदर की शक्ति का परिचायक है। इसे खासतौर पर महिलाओं की दो खास शक्तियों-आंतरिक शक्ति के गुणों और राष्ट्रीय रंगों को मिलाकर बनाया गया है। भारत दूसरी बार इस चैम्पियनशिप की मेजबानी कर रहा है।
इसी तरह, इस चैम्पियनशिप के लिए तैयार एंथम-‘मेक सम नॉइज, स्क्रीम एंड शाउट! वी आर हीयर टू नॉट यू आउट!!!’ ‘को खासतौर पर तैयार किया गया है। इसके जरिए रिंग में एक मुक्केबाज के सामने आने वाले हालात और उस दौरान उसकी भावनाओं को प्रदर्शित किया गया है।
एआईबीए विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में ओलम्पिक पदकधारियों, विश्व तथा यूरोपीय चैम्पियनों सहित 70 देशों की कुल 300 खिलाड़ी हिस्सा लेंगी। चैम्पियनशिप के तहत 10 भारवर्गो में प्रतिस्पर्धा होगी।
लोगो और एंथम के लांच के अवसर पर देश के खेल तथा युवा मामलो के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सभी खिलाड़ी को शुभकामना देते हुए कहा, “बॉक्सिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप भारत आ रही है, यह जानकर मुझे अपार हर्ष हो रहा है। हमारे एथलीट, खासतौर पर हमारी महिला एथलीट ने हर मुश्किल और चुनौती का सामना करते हुए खुद को साबित किया है। आज कई महिला मुक्केबाज इसकी मिसाल हैं। इन खिलाड़ियों ने न सिर्फ आने वाले खिलाड़ियों को प्रेरित किया है बल्कि महिलाओं के बीच भी प्रेरणा का स्रोत बनकर उभरी हैं।”
मैरीकॉम छठा विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीतने के लिए प्रयासरत हैं और अहम बात यह है कि उन्हें विमेंस वर्ल्ड चैम्पियनशिप के इस 10वें संस्करण का ब्रांड एम्बेसेडर बनाया गया है। मैरीकॉम 2006 के बाद घर में दूसरे स्वर्ण के लिए प्रयास करती दिखेंगी।
बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने इस अवसर पर कहा, “बीएफआई के लिए यह गर्व और सम्मान की बात है कि हम दो साल के कार्यकाल में ही हम वर्ल्ड चैम्पियनशिप जैसा अहम आयोजन भारत में कराने में सफल हुए हैं। एक देश के तौर पर हमें मुक्केबाजी का अहम केंद्र माना जाता है। हमारे मुक्केबाजों ने बीते दो वर्षो में न सिर्फ अहम आयोजनों में पदक जीते हैं बल्कि बड़े प्लेटफार्म पर अपनी शक्ति का परिचय भी दिया है।”
विमेंस वल्र्ड चैम्पियनशिप की शुरुआत 2001 में हुई थी। भारत ने 2006 में इसकी मेजबानी की थी। भारत का इस चैम्पियनशिप में 2006 में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा था, जब भारतीय मुक्केबाजों ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित कुल आठ पदक जीते थे। 2018 विश्व चैम्पियनशिप संस्करण के लिए भारतीय टीम में मैरीकॉम के अलावा ए. सरिता देवी जैसी दिग्गत मुक्केबाज शामिल हैं।
मैरीकॉम ने कहा, “घर में दोबारा खेलने को लेकर रोमांचित हूं। विश्व चैम्पियनशिप कई मायनों मे खास है। मैं अपने देशवासियो के सामने सोना जीतने के लिए अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी क्योंकि मैं देशवासियों के सामने चैम्पियन बनने के अहसास के जीतना चाहती हूं।”
चैम्पियनशिप का आयोजन 15 नवम्बर से होना जा रहा है लेकिन कई टीमें नवम्बर के पहले सप्ताह में ही भारत पहुंच रही हैं। समय से पहले अपनी टीमों के भारत भेजने वाले देशों में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, यूक्रेन, जर्मनी, थाईलैंड, इंग्लैंड और बुल्गारिया शामिल हैं।
चैम्पियनशिप के लिए भारतीय टीम :
खिलाड़ी : मैरीकॉम (48 किग्रा), पिंकी जांगरा (51 किग्रा), मनीषा माउन (54 किग्रा), सोनिया (57 किग्रा), एल. सरिता देवी (60 किग्रा), सिमरनजीत कौर (64 किग्रा), लवलीना बोगोहेन (69 किग्रा), सावेटी बूरा (75 किग्रा), भाग्यवति काचारी (81 किग्रा) और सीमा पूनिया (81प्लस किग्रा)।
कोच : रफाएल बेर्गामास्को (विदेशी कोच), शिव सिंह (मुख्य कोच), संध्या गुरुं ग, मोहम्मद अली कमर, छोटे लाल यादव, सतवीर कौर।