नई दिल्ली: पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो ने नई दिल्ली में नये अपराधों के युग में समावेशी पुलिस व्यवस्था विषय पर आनंदस्वरूप गुप्ता स्मृति व्याख्यान और नये अपराधों के युग में पुलिस जांचकर्ताओं के क्षमता निर्माण पर जांच एजेंसियों के प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। स्मृति व्याख्यान सीबीआई के पूर्व निदेशक श्री डी.आर. कार्तिकेयन ने दिया।
श्री डी.आर. कार्तिकेयन ने अपने संबोधन में कारगर ढंग से अपराधों की जांच के लिए भारतीय पुलिस बलों के क्षमता निर्माण पर बल दिया।उन्होंने कहा कि पुलिस जांच प्रक्रियाओं में टेक्नोलॉजी को लागू किया जाना चाहिए और साक्ष्य की गुणवत्ता में सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने अदालती प्रक्रिया की समझदारी के महत्व तथा अभियोजन तथा न्यायिक अधिकारियों के साथ नियमित संवाद के महत्व पर बल दिया।
डॉ. आनंदस्वरूप गुप्ता 1970 में स्थापित पुलिस अनुसंधान और विकास बयूरो के संस्थापक निदेशक थे। ब्यूरो ने 2003 में डॉ. आनंदस्वरूप गुप्ता स्मृति व्याख्यानमाला की शुरूआत की।
अपने स्वागत भाषण में पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के महानिदेशक श्री ए.पी. महेश्वरी ने नियमित रूप से इस तरह के सम्मेलन के आयोजन पर बल दिया। व्याख्यानमाला में डॉ. आनंदस्वरूप गुप्ता के परिजन उपस्थित थे और महानिदेशक श्री ए. पी. माहेश्वरी द्वारा परिजनों का अभिनंदन किया गया।
पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो नई दिल्ली में 29-30 नवम्बर को जांच एजेंसियों के दूसरे द्विवार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन भी कर रहा है।
इसका उद्देश्य विभिन्न कानूनी पहलुओं, प्रक्रियाओं तथा जांच में टेकनॉलोजी के उपयोग पर चर्चा करना है ताकि गुणवत्ता बढ़ाई जा सके और कारगर रूप से मुकदमे चलाये जा सकें।
सम्मेलन में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू), गंभीर धोखाधड़ी जांच अधिकारी (एसएफआईओ) तथा वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) जैसी केन्द्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारियों के साथ-साथ राज्य अपराध शाखाओं तथा आर्थिक अपराध शाखा (ईओडबल्यू), विशेष कार्यबल (एसटीएफ) जैसी राज्य पुलिस जांच एजेंसियों के प्रमुख भाग ले रहे हैं।