गैरसैंण/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार देर रात तक भराड़ीसैण में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केदारनाथ में अगले फेज की योजना पर विस्तार से विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिए कि श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ में कपाट बंद होने के अवसर को उत्सावपूर्वक मनाया जाए। केदारनाथ मार्ग की रेकी कर लैंडस्लाईड आदि दृष्टि से संवेदनशील लगने वाले स्थानों के उपचार कार्य किए जांए।
केदारनाथ मार्ग पर प्रतिदिन फीडबैक लिया जाए। सर्दियों में केदारनाथ की विषम परिस्थितियों में काम करने के लिए कार्यकुशल लोगों को चिन्हित किया जाए और उनके लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था की जाए। एसडीआरएफ को मल्टीटास्क फोर्स के तौर पर विकसित किया जाए। डीडीएमए(जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) में 40-50 आयुवर्ग के सेना आदि से रिटायर्ड लोगों को लिया जाए। बदरीनाथ में माणा -सतोपंथ मार्ग का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। इसी मार्ग से पांडव गए थे। यहां ट्रेकिंग व बाईकिंग के आयेाजन किए जाएं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इस वर्ष गरूड़चट्टी में ब्रिज का काम पूरा करा लिया जाए ताकि गरूड़चट्टी में स्मृति वन विकसित किया जा सके। केदारनाथ मार्ग के एक वैकल्पिक मार्ग की कार्ययोजना तैयार की जाए। चैराबाड़ी का विशेषज्ञों से अध्ययन(rock study) करा लिया जाए। केदारनाथ के आसपास के क्षेत्र का भूस्खलन की दुष्टि से अध्ययन करवा लिया जाए। केदारनाथ में ड्रेनेज सिस्टम विकसित किया जाए। यह कार्य सिंचाई विभाग करेगा। इसकी एक यूनिट केदारनाथ में रहेगी। मंदाकिनी के डाउनस्ट्रीम व अपस्ट्रीम कटाव की स्थिति का भी अध्ययन करा लिया जाए। सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक रोड़ स्टैबिलिटी सुनिश्चित की जाए। केदारनाथ मार्ग पर छोटी-छोटी सराय व दुकानें बनाई जाएं और इन्हें स्थानीयों को व्यवसाय के लिए आवंटित की जाएं। लैंचोली में जीएमवीएन प्रोफेशनल आधार पर कार्ययोजना तैयार करे। सीतापुर या सोनप्रयाग में एक एसडीएम की नियुक्ति की जाए। बताया गया कि बी-17 व बी-3 दो हेलीकाप्टर सर्दियों लैंड करवाए जाएंगे ताकि वहां सामग्री व मशीने भिजवाई जा सकें। एक हेलीपेड सर्दियों में भी केदारनाथ में निरंतर खुला रखा जाएगा। भीमबली से गौरकुंड तक तीन स्लाईड चिन्हित की गई है। सोनप्रयाग की डीपीआर तैयार है जबकि गौरीकुंड की डीपीआर शीघ्र बना ली जाएगी। रोपवे के लिए निविदा जल्द निकाली जाएगी। सीतापुर में बड़ी गाडि़यों के लिए जबकि सोनप्रयाग में छोटी गाडि़यों के लिए पार्किंग बनाई जा रही है।