लखनऊ: ब्रम्ह भट्ट ब्राह्मण प्रारंभ काल से कवि एवं संस्कृत के विद्वान के रुप में जाना जाता है। ब्रह्मभट्ट ब्राह्मण का ऋग्वेद एवं स्कंध पुराण में भी उल्लेख मिलता है। यह विचार प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ब्रह्मभट्ट ब्राह्मण समागम के अवसर पर व्यक्त किया।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि राजा हर्षवर्धन एवं चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में भी ब्रम्हभट्ट ब्राह्मणों ने वेद एवं पुराण का पठन पाठन करते हुए वैदिक और सनातनी संस्कृत की रक्षा की। आर्यभट्, बाण भट्ट एवं कुमरिल भट्ट जैसे महान विद्वान इस समाज में हुए हैं। आर्यभट्ट जी तो नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे हैं, आर्यभट्ट की गणना विश्व के बड़े खगोल शास्त्रीयों में होती है। चंपारण आंदोलन के प्रणेता पंडित राम कुमार शुक्ला एवम प्रसिद्ध गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर प्रदेश की किसी संस्था का नामकरण किया जाएगा।
ब्रह्म भट्ट ब्राह्मण समागम में प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदयनरायन दीक्षित तथा भट्ट समाज के अभिलाष भट्ट, तरुण भरोट, राजेश भट्ट सहित 19 राज्यों भट्ट समाज के हजारों महानुभाव उपस्थित थे।