लखनऊः आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर ‘न्यू अरबन इण्डिया’ थीम पर आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग द्वारा इन्दिरा गाँधी प्रतिष्ठान में 05 अक्टूबर से 07 अक्टूबर 2021 तक तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
आज कार्यक्रम के दूसरे दिन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मार्स हाल में आवास विषय पर सत्र में विशेषज्ञों ने अपने सुझावों को साझा किया।
प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन श्री अमृत अभिजात ने आवास के संबंध में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)के अंतर्गत अब तक 84 प्रतिशत लाभार्थियों को आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत भी गरीबों के लिए आवास दिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन गरीबों के पास जमीन नहीं है, उन्हें घर बनाने के लिए सरकारी जमीन का पट्टा दिया जा रहा है।
एचडीएफसी के एडिशनल सीनियर जनरल मैनेजर श्री संजय जोशी ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हर किसी को अपना घर चाहिए, चाहे वह किसी वर्ग का हो। अपना घर सुरक्षा का एहसास दिलाता है। उन्होंने कहा कि पिछले 40 वर्षों से हाउसिंग क्षेत्र में काफी चौलेंज रहे हैं। तब हर किसी के लिए घर एफोर्ड करना आसान नहीं था, लेकिन आज सरकार के प्रयासों से घर का सपना आसान हुआ है। गरीबों के लिए आवास योजना चलाकर सभी के सर पर छत का सपना सरकार द्वारा पूरा किया जा रहा है। सरकार ने प्राइवेट हाउसिंग डेवलपर के लिए भी आसानी से फंड उपलब्ध कराने के लिए कई सुधार किए हैं ।उन्होंने कहा कि एचडीएफसी द्वारा लोगों को आसानी से होम लोन उपलब्ध कराया जा रहा है।
डॉक्टर पार्थ मुखोपाध्याय द्वारा सत्र को संबोधित किया गया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में हाउसिंग स्कीम की प्रोग्रेस के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज के समय में लोगों का पलायन गांव से शहर की ओर तेजी से हो रहा है इसीलिए शहरी क्षेत्रों में आवासों की उपलब्धता का दबाव ज्यादा है जिस पर ज्यादा से ज्यादा कार्य करने की आवश्यकता है।
महिला हाउसिंग सेवा ट्रस्ट की निदेशक बीजल ब्रह्मभट्ट ने उनकी संस्था द्वारा स्लम एरिया में रहने वालों के लिए सरकार की मदद से उपलब्ध कराए जाने वाले आवासों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था भारत के 08 राज्यों में कार्य कर रही है तथा पिछले चार महीने से लखनऊ जनपद में भी स्लम एरिया के लोगों को आवास उपलब्ध कराने हेतु योजना पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मलिन बस्तियों/झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध होने वाले आवासों हेत योजना बनाई जाए।
सीईपीटी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. सेजल पटेल ने कहा कि देश की जनसंख्या के हिसाब से घरों की उपलब्धता काफी कम है। अभी भी कई लोगों के पास अपने घर नहीं है। सभी का अपने घर का सपना पूरा हो इसके लिए सरकार तथा प्राइवेट सेक्टर दोनों को कार्य करना होगा आर्किटेक्चर गवर्नमेंट कॉलेज आफ आर्किटेक्चर की वंदना सेंगल तथा डायरेक्टर एचएफए-1 श्री सुवासीश दास द्वारा भी संबोधित किया गया।
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