वहीं जानकारों का कहना है कि जब पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और यूपी सरकार के ही उच्च अधिकारी एक दिन पहले सम्मलेन में पहुंच सकते हैं तो यूपी के सीएम अखिलेश यादव क्यों नहीं? सियासी गलियारों में यह सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि सरकार ने इन अप्रवासी भारतीयों को यूपी में बुलाने के लिए जनता की कमाई के करोड़ों रुपए खर्च किए हैं।
यूपी सरकार ने अप्रवासी भारतीयों के मन में यूपी की अच्छी छवि बनाने के उद्देश्य से देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी करोड़ों रुपए खर्च किए। सूचना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कैलिफोर्निया के इंडिया जर्नल, इंडिया पोस्ट और अमृतसर टाइम्स के अलावा शिकागो के इंडिया ट्रिब्यून, न्यूयार्क के गुजरात टाइम्स, न्यूयार्क के देशी टाक, ह्यूस्टन के वायस ऑफ एशिया, दुबई के गल्फ न्यूज में यूपी की ब्रांडिंग की गई थी।
साथ ही एशियन टाइम्स, न्यूयार्क टाइम्स, दुबई के खलीज टाइम्स, गल्फ टुडे, पोर्ट लुईस के यल एक्सप्रेस, फिजी टाइम्स, लंदन के एशियन वायस, देश परदेश, लंदन के पंजाब टाइम्स और ईस्टन आई जैसे अखबारों में यूपी की ब्रांडिंग की गई है। इसमें इंडिया एबॉड न्यूज पत्रिका भी शामिल है।
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