केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज कहा कि भारत एशिया में एक प्रमुख शक्ति है और ब्रिक्स समूहके सदस्य के रूप में, हम सदस्य देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “पहले ब्रिक्स फिल्म प्रौद्योगिकी संगोष्ठी का आयोजन, सभी सदस्य देशोंके लोगों को एक साथ लाने की दिशा में उठाया गया एक कदम है। फिल्मों, कला और संस्कृति के माध्यम से हमने सहयोग के रास्ते भी खोले हैं, जिससे फिल्म व्यवसाय के विकास और वृद्धि में मदद मिलेगी।”
केंद्रीय मंत्री ने उद्योग संगठन फिक्की, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित ‘ब्रिक्स फिल्म प्रौद्योगिकी संगोष्ठी’ के वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित उद्घाटनसमारोह को संबोधित करते हुए कहा, “भारत कोदेश में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहलेएक विशेष कार्यक्रम के हिस्से के रूप मेंपहली ब्रिक्स फिल्म प्रौद्योगिकी संगोष्ठी आयोजित करने पर गर्व का अनुभव हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में, हमारा लक्ष्य ब्रिक्स सहयोग को और गहरा करने, बनाए रखने और संस्थागत बनाने के लिए संस्थान निर्माण को बढ़ावा देना है। श्री ठाकुर ने कहा, “सभी ब्रिक्स देशों के लोगों के दिल और दिमाग को जीतना महत्वपूर्ण है और फिल्म संगोष्ठी एक ऐसा कार्यक्रम है जो सिनेमा प्रौद्योगिकी के माध्यम से सभी को एक साथ लाता है। भारत में ब्रिक्स राष्ट्रों द्वारा फिल्म प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता का जश्न मनाने का विचार देश के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा ब्राजील में आयोजित 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रखा गया था।”
माननीय मंत्री ने कहा, “ब्रिक्स फिल्म प्रौद्योगिकी संगोष्ठी का लक्ष्य फिल्म उद्योग के लिए काम कर रहे सेवा क्षेत्र और तकनीशियनों के महत्व को स्वीकार करना है तथा दो दिनों के समापन पर,मुझे यकीन है कि संगोष्ठी सभी ब्रिक्सदेशोंके फिल्म प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कामकाजी पेशेवरों के लिए एक नए दृष्टिकोण और दृष्टि के साथ सिनेमा की दुनिया को जानने के ढेरों अवसर पैदा करेगी।”
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्व चंद्रा ने कहा कि यह संगोष्ठी दुनिया भर में लोगों की बहु-सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाने के लिए एक आदर्श मंच है। संगोष्ठी का उद्देश्य साझेदारी का निर्माण करनाऔर फिल्मों को बढ़ावा देने वाली तकनीकी कंपनियों तथा संगठनों के लिए मंच प्रदान करना और बेहतर संचार, सहयोग एवं भागीदारी के लिए फिल्म समुदाय को एक साथ लाना है।
उन्होंने कहा, “ब्रिक्स देश वीएफएक्स एनीमेशन, कंप्यूटर जनित इमेजरी और मीडिया आउटसोर्सिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। मनोरंजन की दुनिया के लिए फिल्म निर्माण और सिनेमासे जुड़े अनुभवों में प्रौद्योगिकी को बढ़ाने के वास्ते एक दूसरे के साथ सहयोग करने की काफी संभावनाएं हैं। भारत के 52वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के साथ आयोजित किए जाने वाले ब्रिक्स फिल्म महोत्सव सेहमें अपनी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को लेकर चर्चा करने और उन्हें साझा करने का एक और अवसर मिलेगा।”
ब्राजील सरकार के संस्कृति मंत्रालय के विशेष सचिव, श्री मारियो फ्रियस ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम सांस्कृतिक क्षेत्र में सुधार में मदद करने वाले ब्रिक्स सदस्यों के सहयोग को बढ़ावा देने के लिए काम करते रहें। उन्होंने कहा, “इन कार्रवाइयों से सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था पर प्रतिबंधात्मक उपायों के असर को कम करने में मदद मिलेगी। ब्रिक्स देशों के बीच श्रव्य-दृश्य (ऑडियो-विजुअल)सहयोग का महत्व बाजार की खोज और सांस्कृतिक प्रसार की संभावनाओं मेंशामिल है।”
कार्यक्रम में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव सुश्री नीरजा शेखर ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया, जबकि फिक्की के महासचिव श्री दिलीप चेनॉय ने सत्र का संचालन किया।
दो दिन चलने वाले इसकार्यक्रम मेंसभी ब्रिक्स देशों के प्रख्यात वक्ताओं द्वारा सत्र आयोजित किए जाएंगे। साथ ही एकवर्चुअल प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। वर्चुअलप्रदर्शनी के लिए दस स्टाल भी लगाए जा रहे हैं, जिनमें दक्षिण अफ्रीका, चीन और रूस के स्टॉल शामिल हैं।