रोम: इटली के प्रधानमंत्री जिएसेपे कॉन्टे ने बुधवार को देश में एक वर्ष के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी है। पीएम कॉन्टे ने मंगलवार को एक मोटरवे ब्रिज गिरने की घटना के बाद देश में आपातकाल घोषित किया है। इस घटना में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है। कॉन्टे ने इसके साथ ही पांच मिलियन यूरो सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन प्राइवेट कंपनी ऑटोस्ट्राडे को दी हुई छूट वापस ले रहा है जिसके पर इस ब्रिज के रख-रखाव का जिम्मा था जिसका नाम मोरांदी ब्रिज था।
तेज हवाओं को बताया घटना के लिए जिम्मेदार
न्यूज चैनल सीएनएन के साथ बातचीत में कॉन्टे ने कहा, ‘ये ऐसे हादसे हैं जो आज की आधुनिक दुनिया में बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं हैं।’ बुधवार शाम तक इटली के जेनोआ शहर में रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन चलता रहा था। इमैनुएल गिसी ने मीडिया को बताया कि रेस्क्यू वर्कर्स पूरी सावधानी के साथ अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। इटली की स्थानीय अथॉरिटीज ने तूफान की वजह से तेज चलने वाली हवाओं को इस घटना के लिए दोष दिया है। लेकिन पीएम कॉन्टे ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। जेनेओ के मेयर मार्को बुची ने कहा है कि इस आपदा की बिल्कुल भी उम्मीद किसी ने सपने में भी नहीं की थी।
इस बीच राष्ट्रपति सरगियो माट्टारेला ने पुल गिरने की घटना को गंभीर और सख्त जांच की आदेश दिए हैं। मंगलवार को इस घटना में 13 लोगों के घायल होने की खबर थी। इटली की सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी के मुखिया एंजेलो बोरेली ने बताया कि करीब 30 गाड़ियां और बहुत से हैवी ड्यूटी ट्रक उस समय मोरांदी ब्रिज पर थे जब यह घटना हुई। इस मोटरवे ब्रिज को साल 1968 में खोला गया था और यह पुल जेनोआ शहर में बाहर से आने वाले पर्यटकों और आम नागरिकों के लिए एक बड़ा हाइवे है। यह रास्ता इटली को फ्रांस के पश्चिम में स्थित शहरों से जोड़ता है। source: oneindia.com