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बीएसएनएल 15 जून, 2015 से मुफ्त रोमिंग सुविधा शुरू करेगा

देश-विदेश

नई दिल्‍ली: संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने एक पत्रकार वार्ता में अपने मंत्रालय के एक वर्ष के निष्पादन के बारे में निम्नलिखित वक्तव्य दिए। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पिछले समय में दुर्भाग्यवश कई गलत कारणों को लेकर समाचार में होता था। जब नई सरकार ने कार्यभार संभाला तो विकास के लिए आशावाद पैदा करना और आत्मविश्वास का वातावरण तैयार करना महत्वपूर्ण था।

इसके लिए पारदर्शिता, सुशासन और निर्णय प्रक्रिया में तेजी लाना आवश्यक था। सबके सामूहिक प्रयास से हम दावे के साथ यह कह सकते हैं कि ये सभी घटक अभिन्न बन गए हैं और नीति निर्माण के बल पर निवेश और विकास के लिए एक सकारात्मक वातावरण तैयार हुआ है। इन उपलब्धियों के कुछ मुख्य भाग यहां बताए जा रहे हैं।

दूरसंचार विभाग  

  • 80,277 करोड़ रुपये के स्वीकृत आरक्षित मूल्य पर 1,09,874 करोड़ रुपये की नीलामी की गई, जो अब तक का सर्वाधिक है। सुशासन के तरीके, डिफेंसबैंड की पहचान और रक्षा मंत्रालय से स्पेट्रम जारी होने के कारण यह उपलब्धि प्राप्त हो सकी है। उल्लेखनीय है कि यह कार्य छः वर्षों से भी अधिक समय से लंबित था।
  • अप्रैल, 2015 में 100 करोड़ से भी अधिक टेलीफोन कनेक्शन किये गए जो पिछले 11 माहों में सबसे तीव्र वृद्धि का संकेत है। पिछले तीन वर्षों के दौरान देश में टेली-डेन्सिटी मार्च 2012 के 78.6, मार्च 2013 के 73.32 और मार्च 2014 के 75.23 की तुलना में इस समय राष्ट्रीय टेली-डेन्सिटी 79.85 है।
  • पिछले 11 माहों में 4.57 प्रतिशत वृद्धि के साथ ग्रामीण टेली-डेन्सिटी बढ़कर 48.90 प्रतिशत हो गया जो पिछले तीन वर्षों में सर्वाधिक वृद्धि का संकेत है (मार्च 2014 में 43.18, मार्च 2013 में 41.6 और मार्च 2012 में 39)।
  • ब्रॉडबैंड कनेक्शनों की संख्या, यानि 512 केबीपीएस अथवा अधिक स्पीड वाले कनेक्शन मई 2014 के 65.33 मिलियन से बढ़ कर मार्च 2015 में 99.20 मिलियन हो गयी जो पिछले 10 माहों में 52 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि का संकेत है।
  • दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2014-15 में (फरवरी 2015 तक) बढ़कर 2853 मिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया है। यह पिछले चार वर्षों में सर्वाधिक है (2013-14 में 1307 मिलियन अमरीकी डॉलर, 2012-13 में 304 मिलियन अमरीकी डॉलर, 2011-12 में 1997 मिलियन अमरीकी डॉलर और 2010-11 में 1665 मिलियन अमरीकी डॉलर)।

बीएसएनएल और एमटीएनएल के पुनर्जीवन के लिए प्रयास

  • पिछले वर्षों में ऋणात्मक वृद्धि के लक्षण को पलटते हुए वर्ष 2014-15 में बीएसएनएल के राजस्व में 2.1 प्रतिशत वृद्धि हुई।
  • पिछले वर्षों में ऋणात्मक वृद्धि के लक्षण को पलटते हुए वर्ष 2014-15 में बीएसएनएल ने 47 लाख ग्राहक जोड़े और एमटीएनएल ने 2.11 लाख ग्राहक जोड़े।
  • बीएसएनएल अपनी विस्तार योजना के सातवें चरण में 4,805 करोड़ रुपये की लागत से 25,645 नए बेस ट्रांसिवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित करने की प्रक्रिया चला रहा है, जो पिछले 5 वर्षों में इस प्रकार की पहली निवेश योजना है।
  • पिछले एक वर्ष के दौरान ऐसे 15,000 बीटीएस स्थापित किए गए।

बीएसएनएल लैंडलाइन लोकल एक्सचेंजों के स्थान पर आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) आधारित नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क स्थापित करने जुटा है। 

डाक विभाग

  • डाकघरों का आधुनिकीकरण किया गया। इसके तहत कुल मिलाकर 14.55 करोड़ खाते रखने वाले 2590 डाकघरों ने कोर बैंकिंग सोल्‍यूशन को अपनाया और 115 डाकघर एटीएम चालू किये गये।
  • बड़ी संख्‍या में सौर ऊर्जा चालित बायोमीट्रिक मोबाइल डिवाइस की खरीदारी की गई। 1,30,000 ग्रामीण डाकघरों को वायरलेस कनेक्‍टिविटी मुहैया कराने की दिशा में फिलहाल कदम उठाये जा रहे हैं।
  • ‘सुकन्‍या समृद्धि योजना’ का शुभारंभ 22 जनवरी, 2015 को हुआ। इसके तहत खातों की संख्‍या 47 लाख से भी ज्‍यादा हो गई है और इनमें कुल निवेश 570 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है।
  • किसान विकास पत्र 18 नवम्‍बर, 2014 को फिर से लॉन्‍च किया गया। इसने तकरीबन 2600 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है।
  • स्‍पीड पोस्‍ट से अर्जित होना वाला राजस्‍व वर्ष 2014-15 में बढ़कर 1470 करोड़ रुपये हो गया, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 1369 करोड़ रुपये थी। आठ राज्‍यों में की गई विस्‍तृत पड़ताल के आधार पर सीएजी द्वारा 8 मई, 2015 को संसद में पेश की गई रिपोर्ट में यह बात रेखांकित की गई है कि स्‍पीड पोस्‍ट सेवा की गुणवत्ता निजी कुरियर की सेवाओं के मुकाबले काफी अच्‍छी है।
  • पार्सल से अर्जित राजस्‍व की वृद्धि दर वर्ष 2013-14 में घटकर 2 फीसदी नकारात्‍मक रह गई थी, जबकि वर्ष 2014-15 के दौरान इसमें 37 फीसदी का जोरदार इजाफा हुआ।
  • डिलीवरी पर नकदी संग्रह वर्ष 2014-15 में पांच गुना बढ़कर 500 करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच गया, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 100 करोड़ रुपये ही थी।

इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग

इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स का विनिर्माण:

  • संशोधित विशेष प्रोत्‍साहन पैकेज (एमएसआईपी): मई 2015 तक 20,825 करोड़ रुपये के 63 निवेश प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुये। 9,565 करोड़ रुपये के 40 प्रस्‍ताव मंजूर हुये। मई 2014 तक 1152 करोड़ रुपये के निवेश के केवल आठ प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति मिली थी।
  • इलेक्‍ट्रॉनिक विनिर्माण कलस्‍टर (ईएमसी): मई 2015 तक 39 आवेदन प्राप्‍त हुये और 21 प्रस्‍तावों को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। भोपाल एवं जबलपुर में 2 ईएमसी को अंतिम मंजूरी दी गई और आधारशिला रखी गई। मई 2014 तक केवल 8 आवेदन पत्रों को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी।
  • कैबिनेट द्वारा 10 दिसम्‍बर, 2014 को इलेक्‍ट्रॉनिक विकास कोष को मंजूरी दी गई। 

नये जन-अनुकूल कदम:

  • डिजिटल इंडिया एक मिशन मोड वाला प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्‍य नागरिकों के उपयोग के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचा, सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी एवं डिजिटल सशक्तिकरण सुनिश्चित करते हुए डिजिटल खाई को पाटना है।
  • जीवन प्रमाण: 2.02 लाख डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र सृजित किये गये।
  • डिजिटल लॉकर: बीटा वर्जन लॉन्‍च किया गया। 1.24 लाख लॉकर खोले गये।

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