लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि बसपा अध्यक्ष उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ करती हैं। बसपा शासन के पांच सालों में उत्तर प्रदेश की बिजली के मामले में पूरी उपेक्षा की गई। एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ।
दिखावे के लिए कुछ कम्पनियों के साथ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर हुए पर एक भी कम्पनी बिजली उत्पादन के लिए आगे नहीं आई। जनता त्राहि-त्राहि करती रही और तत्कालीन मुख्यमंत्री सिर्फ मोटे कमीशन की वसूली में ही लगी रही। जाते-जाते वे प्रदेश की जनता पर हजारों करोड़ रूपयों की बिजली के कर्ज छोड़ गई।
जब प्रदेश में समाजवादी सरकार बनी तो मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने बिजली समस्या के समाधान पर ध्यान दिया। उन्होने केन्द्र सरकार को कई पत्र लिखे ताकि समय से प्रदेश को कोटे की पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो। उन्होने कोयले की आपूर्ति के लिए भी लिखा ताकि बिजलीघरों को इसकी किल्लत न हो और बिजली उत्पादन में बाधा न पड़े। केन्द्र सरकार का उन्होने जब सौतेला व्यवहार देखा तो अपने ही संसाधनों से उन्होने संकट समाधान के कदम उठाए। इनका अच्छा असर हुआ और उत्तर प्रदेश आज बिजली के मामले में बेहतर स्थिति में है।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के अथक प्रयासों से विद्युत उत्पादन क्षेत्र में राज्य विद्युत उत्पादन निगम की अधिष्ठापित क्षमता में 750 मेगावाट की वृद्धि हुई है। अब अधिष्ठापित क्षमता 4183 मेगावाट से बढ़ाकर 4933 मेगावाट हो गई है। पारीछा, अनपरा और ओबरा में अतिरिक्त क्षमता वृद्धि की गई है। क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को 72 घंटे में बदलने के लिए पहली बार 500 मोबाइल वैन की व्यवस्था हुई है।
समाजवादी सरकार वर्ष 2016-17 तक सभी बड़े शहरों को 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। प्रत्येक तहसील मुख्यालय को अनवरत विद्युत आपूर्ति करने हेतु लगभग 802 करोड़ रूपए की लागत से 33/11 के0वी0 के 201 नए विद्युत उपकेन्द्रो का निर्माण होना है। इसमें 107 विद्युत उपकेन्द्रो का निर्माण पूरा कराकर क्रियाशील किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री जी दूरदृष्टि वाले कुशल प्रशासक है इसलिए वे विद्युत की बढ़ती मांग के सापेक्ष वैकल्पिक व्यवस्था में सौर ऊर्जा पर भी पर्याप्त ध्यान दे रहे है। उन्होने सौर ऊर्जा नीति 2013 घोषित की है जो मार्च,2017 तक प्रभावी रहेगी। इसमें सौर पावर परियोजनाओं की स्थापना हो रही है। सौर ऊर्जा के लिए बुन्देलखण्ड में कार्य प्रगति पर है। ललितपुर, जालौन में नये विद्युत उत्पादन केन्द्र विकसित हुए है। श्री अखिलेश यादव के प्रयासों से उत्तर प्रदेश विद्युत संकट से काफी हद तक उबर चुका हैं बसपा के अंधरेराज की जगह अब समाज के सभी वर्गो के कल्याण के साथ सर्वोन्मुखी विकास का एजेण्डा चल रहा है। विपक्षी बसपा को अपने पुराने अंधेरे दिनों में ही रहना अच्छा लगता हो तो उन्हें वही मुबारक।