21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बुद्ध की शिक्षाएं ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के संदेश को आगे बढ़ाती हैं: जी. किशन रेड्डी

देश-विदेश

केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि बुद्ध की शिक्षाएं वसुधैव कुटुम्बकम –विश्व एक परिवार है- के संदेश को आगे बढ़ाती हैं और बौद्ध धर्म न सिर्फ बौद्धों बल्कि हर किसी के लिए काफी कुछ की पेशकश करता है। ‘आषाढ़ पूर्णिमा- धम्‍म चक्र दिवस’ की पूर्व संध्या पर एक वीडियो संदेश में उन्होंने बताया कि इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होंने कहा, “इस दिन हम अपने गुरुओं के प्रति सम्मान और आभार प्रकट करते हैं। आषाढ़ पूर्णिमा न सिर्फ दुनिया भर के बौद्ध धर्म के मानने वालों के लिए एक बलिदान दिवस है, बल्कि यह पूरी मानव जाति के लिए एक महत्वपूर्ण दिवस है।” इसी दिन, ढाई हजार वर्ष पहले, गुरु के रूप में बुद्ध ने अपने पांच शिष्यों को अपना पहला उपदेश दिया था, जो बाद में उनके अनुयायी बन गए थे। एक बार उनकी शिक्षा पूरी होने के बाद बुद्ध ने सुनिश्चित किया कि इसका लाभ मानवता को भी प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म के नजदीकी संबंध हैं।

श्री किशन रेड्डी ने कहा, “गुरु पूर्णिमा का संबंध महाभारत के लेखक वेद व्यास की जयंती से भी है। आज भी, बुध का अष्टांग मार्ग मानवता को दिशा दिखाता है। यह वैश्विक समुदाय को साथ-साथ शांतिपूर्वक रहने के लिए एक दृष्टिकोण और मार्गदर्शन उपलब्ध कराता है।” केंद्रीय मंत्री ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह संगठन दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों को एक मंच उपलब्ध कराने में सहायक रहा है।

अपने संदेश में, श्री किशन रेड्डी ने कहा कि पर्यटन और संस्कृति मंत्रालयों व भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने आईबीसी के साथ मिलकर इस साल नवंबर के अंत में भारत में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, “इसमें बौद्ध धर्म के ज्ञानवर्धक प्रवचन देने के लिए दुनिया भर के विद्वानों को आमंत्रित किया जाएगा। इस साल, भारत अपनी आजादी के 75वें साल को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के साथ मना रहा है, इसलिए बुद्ध के अंशदान को भी मनाया जा रहा है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बौद्ध धर्म के घर के रूप में भारत बौद्ध समुदाय को अपनी धरोहर और बुद्धि को साझा करने में समर्थन देगा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने बौद्ध विरासत का पोषण करने और प्रोत्साहन देने के लिए शानदार प्रयास किए हैं। प्राचीन स्तूपों के कई स्थलों को पुनः विकसित किया जा रहा है, जिससे दुनिया भर के तीर्थ यात्री उनका दर्शन कर सकें।”

आज राष्ट्रपति भवन में बोधगया से लाए बोधि पौधा रोपने के परम्परागत समारोह में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के साथ श्री किशन रेड्डी भी शामिल हुए। इस अवसर पर संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी और श्री अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित रहे। यह समारोह आईबीसी के महासचिव वेन. डॉ. धम्मापिया के नेतृत्व में उसके बौद्ध भिक्षुओं द्वारा ‘मंगलगतः’ के बौद्ध मंत्रोच्‍चार के बीच संपन्न हुआ। श्री किशन रेड्डी ने शांति और सद्भाव के प्रतीक के रूप में बोध गया के बोधि पौधे की रोपाई के लिए राष्ट्रपति के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर से दुनिया भर के बौद्धों को अपनी तरफ से शुभकामनाएं देता हूं। मैं सभी गुरुओं के प्रति भी आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने अपने ज्ञान के माध्यम से शांति और सद्भाव के मूल्यों का प्रसार किया है।”

जी किशन रेड्डी ने गुरु पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर दो सांस्कृतिक हस्तियों को सम्मान दिया

श्री जी किशन रेड्डी ने गुरु पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर दो सांस्कृतिक हस्तियों- सरोज वैद्यनाथन और उमा शर्मा के घर का भ्रमण किया।

अपने भ्रमण के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने समग्र कलाकार समुदाय द्वारा देश में अपनी कलाओं के प्रदर्शन को बढ़ावा देने में किए गए शानदार प्रयासों के प्रति आभार प्रकट किया और सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्ध विरासत और संस्कृति के संरक्षण और प्रसार की दिशा में समुदायों के जुनून का अहम योगदान है।

केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर भारत की समृद्ध सांस्कतिक विरासत का उत्सव मनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी प्रस्तुत किया। श्री किशन रेड्डी ने “आजादी का अमृत महोत्सव”- भारत की आजादी के 75वें साल पर एक साल चलने वाले उत्सव के तहत आयोजित हो रहे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बारे में भी बात की।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More