लखनऊ: उत्तर प्रदेश में परंपरागत व्यवसाय से जुड़े कारीगरों को उद्यमी बनाने एवं प्रदेश में एमएसएमई के विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक में विभिन्न योजनाओं के लिए गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष विभिन्न योजनाओं में कई गुना तक अधिक बजट का प्राविधान किया गया है। साथ ही कई नई योजनाएं शुरू करने के लिए बजट में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष की अपेक्षा मौजूद वित्तीय वर्ष में एक जनपद-एक उत्पाद योजना के बजट को दोगुना किया है, वहीं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के बजट को भी पांच गुना बढ़ाया है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का बढ़ाकर 125 करोड़ किया गया। प्रदेश में फ्लैटेड फैक्ट्री काम्प्लेक्स की स्थापना हेतु बजट में अतिरिक्त धनराशि आवंटित की गई है।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की महात्वाकांक्षी ओडीओपी योजना के लिए इस वर्ष 46.25 करोड़ रुपये बजट का प्राविधान किया गया है, जबकि पिछले वर्ष इस योजना के लिए 28.90 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई थी। इसी प्रकार विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 112.50 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की है, जबकि पिछले वर्ष इस योजना हेतु 20.40 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई थी। उन्होंने बताया कि लघु उद्योग क्लस्टर विकास योजना के तहत सब्सिडी दने के लिए 45.50 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था की गई है। पिछले वर्ष इसके लिए 32.00 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था थी। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के लिए जागरूकता और क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए 12.00 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में स्थापित जिला उद्योग एवं उद्यम केन्द्रों का आधुनिकीकरण एवं उच्चीकरण मद में 05.00 करोड़ रुपये की व्यवस्था है। अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों हेतु प्रशिक्षण योजना के 02 करोड़ रुपये का बजट में प्राविधान किया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग तकनीकी उन्नयन योजना के तहत सब्सिडी देने के लिए 4.50 करोड़ रुपये बजट का प्राविधान किया गया है, पिछले वर्ष इसके लिए 02.00 करोड़ रुपये मिले थे। इसी प्रकार क्लस्टर विकास योजना एवं पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने के लिए 100 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की गई है। लघु उद्योग क्लस्टर विकास येाजना के तहत सब्सिडी हेतु 19.50 करोड़ रुपये रुपये का प्राविधान किया गया है। एमएसएमई को सपोर्ट देने के लिए इस वर्ष नई एमएसएमई नीति के लिए बजट को बढ़ाया गया है।
डा0 सहगल ने बताया कि उत्तर प्रदेश निर्यात आवस्थापना विकास योजना का बजट इस वर्ष दो गुना बढ़ाया गया है। इसके योजना के लिए 07 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। इसी प्रकार त्वरित निर्यात विकास प्रोत्साहन योजना के तहत सब्सिडी देने लिए भी बजट को दोगुने से अधिक बढ़ाते हुए इस वर्ष 25.00 करोड़ रुपये बजट का प्राविधान किया गया है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में सीपेट केन्द्र के निर्माण तथा सयंत्रों के क्रय हेतु 30 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था की गई। नये औद्योगिक आस्थानों के विकास कार्यक्रम के अंतर्गत चार जनपदांें प्रयागराज, प्रतापगढ़, अलीगढ़ एवं महोबा में औद्योगिक आस्थान विकसित करने हेतु 50 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की गई है। साथ ही औद्योगिक आस्थानों में अवस्थापना सुविधाओं के उच्चीकरण हेतु पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष लगभग चार गुना बजट बढ़ाकर 20 करोड़ रुपया किया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में पारंपरिक कला को संरक्षित एवं संवर्धित करने तथा छोटे-छोटे उद्योगों का विकास के साथ बड़े व्यवसायों को भी बढ़ाने की दिशा में इस वर्ष का बजट मील का पत्थर साबित होगा। साथ-साथ नये उद्योगों की स्थापना, पुराने उद्योगों की दी जा रही सुविधओं के फलस्वरूप बड़ी संख्या में रोजगार/स्वरोजगार का सृजन भी होगा।