केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि इस दशक का पहला बजट समावेशी है, इसमें हर वर्ग और हर क्षेत्र का समग्रता से ध्यान रखा गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम स्वस्थ भारत-सशक्त भारत की दिशा में अग्रसर हैं और यह बजट उसी दिशा में मार्ग प्रशस्त करने वाला है। केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि आम बजट में आत्मनिर्भरता का ध्येय निहित है और कोरोना संकटकाल के बाद राष्ट्र को मजबूती से विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए समुचित प्रयास एवं प्रावधान किए गए हैं, और बजट की सकारात्मता इसी बात से साबित हो जाती है कि वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किए जाने के साथ ही बाजार एवं हर वर्ग से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि वर्ष 2021-22 का बजट प्रस्ताव 6 स्तंभों पर आधारित है और यदि एक दृष्टि में देखा जाए तो इनमें मानव कल्याण और विकास का पूर्ण सार समाहित है। इन स्तंभों में स्वास्थ्य एवं खुशहाली, भौतिक एवं वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी को फिर से ऊर्जावान बनाना, नवाचार और अनुसंधान व विकास एवं न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन को शामिल किया गया है।
श्री तोमर ने बताया कि स्वास्थ्य बजट में दोगुना से भी ज्यादा (137 प्रतिशत) की वृद्धि की गई है। कोरोना के कारण स्वास्थ्य चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है। वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य के लिए 2,23,846 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। इसमें कोविड टीकाकरण अभियान के लिए 35 हजार करोड़ रु. की राशि का प्रावधान कर सरकार ने देश के हर नागरिक तक वैक्सीन पहुंचाने की अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट की है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक लाख करोड़ रु. के कृषि अवसंरचना कोष में अब मंडियों को भी शामिल किया गया है। इससे मंडियां सशक्त होंगी और वहां पर बड़ी अधोसंरचनाएं विकसित हो सकेंगी। कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि के क्षेत्र में किसानों को जहां पहले 7 लाख करोड़ रु. तक का सालाना ऋण मिल पाता था, वहीं श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद इसे 15 लाख करोड़ रु. किया गया और अब बजट में इसे साढ़े 16 लाख करोड़ रू. कर दिया गया है। देश में और एक हजार मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा। नाबार्ड के अंतर्गत बनाए सूक्ष्म सिंचाई कोष को दोगुना करते हुए 10,000 करोड़ रू. का किया गया है। कृषि और संबद्ध उत्पादों और उनके निर्यात में मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने के लिए ऑपरेशन ग्रीन्स स्कीम का दायरा, जो वर्तमान में टमाटर, प्याज और आलू पर लागू होता है, को 22 शीघ्र खराब होने वाले उत्पादों को शामिल करने के लिए बढ़ाया गया है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने बताया कि पंचायती राज मंत्रालय द्वारा महात्वाकांक्षी योजना स्वामित्व के तहत अब तक 6 राज्यों के 1241 गांवों के 1.80 लाख ग्रामीणों को उनके मकानों का मालिकाना हक प्रदान किया गया है। अब इस योजना को देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू करते हुए देश के हर गांव को शामिल किया जा रहा है। यह योजना गांवों के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। इसके साथ ही ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि 30 हजार करोड़ रु. से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रु. की जाएगी।
श्री तोमर ने कहा कि कृषि सुधार बिलों की दृष्टि से जिनके मन में शंका है वह इस बजट से दूर हो जानी चाहिए। इस बजट में सरकार ने एमएसपी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के साथ ही एपीएमसी मंडियों को सशक्त बनाने का प्रावधान किया है। मूल रूप से कृषि बिलों को लेकर यही दो शंकाएं थी। श्री तोमर ने उम्मीद जताई कि किसान संगठन अपनी शंका दूर होने के बाद इस विषय पर सकारात्मक रूप से विचार करेंगे।