नई दिल्ली: सरकार ने व्यापार चिन्हों (ट्रेड मार्क) के पंजीकरण के लिए नए नियम प्रस्तावित किए हैं। इस प्रस्ताव के मुताबिक व्यापार चिन्ह (संशोधन) नियम,
2015 व्यापार चिन्ह नियम, 2002 की जगह लेगा। प्रस्ताव के मुताबिक मुताबिक व्यापार चिन्ह (संशोधन) नियम, 2015 भारत सरकार के गजट प्रकाशित हो चुका है। यह औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग और कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स, डिजाइंस एंड ट्रेड मार्क्स की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। इसमें आम जनता और इससे संबंधित सभी पक्षों से सलाह और सुझाव मांगें गए हैं। प्रस्तावित व्यापार चिन्ह (संशोधन) नियम, 2015 के जरिये निम्नलिखित परिवर्तन होंगे-
– व्यापार चिन्ह के फॉर्मों की संख्या में कमी होगी
– व्यापार चिन्हों के नियमों से जुड़े पुराने और अप्रासंगिक नियमों को हटा दिया जाएगा
– व्यापार चिन्हों आवेदनों और अन्य फॉर्मों की ई-फाइलिंग को बढ़ावा देने के लिए, कागज पर भरे जाने वाले फॉर्मों में लगने वाले शुल्क की तुलना में इसका शुल्क कम रखा जाएगा।
– आवेदक से लेकर रजिस्टरी तक और रजिस्टरी से आवेदक तक के दस्तावेजों के निपटारे के तरीकों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से पूरा करने का तरीका लाया जाएगा ताकि इस प्रक्रिया में तेजी आ सके।
– व्यापार चिन्ह के पंजीकरण के लिए आवेदन को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया को तेज करने से जुड़े प्रावधानों को लागू किया जाएगा और इसे बढ़ा कर पंजीकरण चरण तक पहुंचाया जाएगा। जो अभी तक परीक्षण चरण तक ही सीमित है।
– जाने-माने व्यापार चिन्हों की सूची सुनिश्चित करने और उनके रखरखाव के लिए तरीके अपनाए जाएंगे।
– व्यापार चिन्ह के पंजीकृत उपयोगकर्ता के तौर पर पंजीकरण की प्रक्रिया सरल की जाएगी।
– इस नियम में व्यापार चिन्ह आवेदन शुल्क बढ़ाने का फैसला किया गया है। यह भी फैसला किया गया है कि ट्रेड मार्क आवेदनों और अन्य फॉर्मों की ई-फाइलिंग को बढ़ावा देने के लिए, कागज पर भरे जाने वाले फॉर्मों में लगने वाले शुल्क की तुलना में इसका शुल्क कम रखा जाएगा। पंजीकरण शुल्क में प्रस्तावित संशोधन प्रस्तावित व्यापार चिन्ह (संशोधन) नियम, 2015 की पहली अनुसूची में प्रकाशित किय जा चुका है। अंतिम शुल्क आम जनता और इससे संबंधित सभी पक्षों से मिले सलाहों और सुझावों पर विचार करके तय किया जाएगा।
व्यापार चिन्ह कानून 1999 के तहत व्यापार चिन्ह रजिस्ट्रार के कर्तव्यों और अधिकारों की सूची दी गई है। इसमें समय समय पर जारी किए गए अन्य नियम भी शामिल हैं-
व्यापार चिन्ह के इस्तेमाल को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं-
1. प्रस्तावित नए नियमों को प्राथमिक तौर पर पंजीकरण की प्रक्रिया सरल बनाने और व्यापार चिन्हों से जुड़े पुराने और अप्रासंगिक नियमों को हटे के लिए लाया गया है।
2. आवेदन को ऑनलाइन जमा करने और अन्य व्यापार चिन्ह आवेदन मुहैया कराने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं।
3. किसी वस्तु और सेवा के खास विवरण के आधार पर पहले के व्यापार चिन्ह को खोजने की व्यवस्था वेबसाइट पर मुफ्त में देने की सुविधा दी गई है।
4. आधिकारिक वेबसाइट में व्यापार चिन्ह के लिए दर्ज किए गए आवेदन की मौजूदा स्थिति जानने की सुविधा निःशुल्क है।
5. व्यापार चिन्ह रजिस्ट्रार ने व्यापार चिन्ह से जुड़े सभी पक्षों को डाक के अलावा ई-मेल के जरिये भी जानकारी देने की प्रक्रिया शुरू की है।
6. वेबसाइट पर आम लोगों के लिए कई और अन्य सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध है।
7. पेटेंट्स, डिजाइन और ट्रेड मार्क्स (सीजीपीडीटीएम) के कार्यालय के हर कार्यालय के अधीन लोक शिकायत अधिकारी और जनसंपर्क अधिकारी निर्धारित किए गए हैं।
8. आधिकारिक वेबसाइट पर कई ऐसे टूल्स मौजूद हैं, जिनसे किसी भी खास समय पर विभाग के प्रदर्शन और लंबित काम का जायजा लिया जा सकता है।
यह जानकारी लोकसभा में आज वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एक लिखित जवाब में दी।
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