लखनऊ: छोटे बच्चे में अगर सुनने की क्षमता कम है तो इसका पता उसके चेहरे पर होने वाली प्रतिक्रिया से सहजता से लगाया जा सकता है। अगर बच्चे को कान से आवाजें सुनाई देती है तो वह चैंकता है उसे नींद भी अच्छी आती है। इसके अलावा उसके चेहरे पर मुस्कराहट भी रहती है।
अगर नवजात बच्चा ऐसी हरकत या प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है तो फिर उसके सुनने की क्षमता की जाँच जरूरी होती है। इस बीमारी की पहचान कान के सीटी स्कैन या फिर एमआरआई से होती है। इसका इलाज सिर्फ ईएनटी डाॅक्टर से कराना चाहिए।