भारत सरकार के प्रतिष्ठित दूरसंचार अनुसंधान व विकास केंद्र- सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स यानी (सी-डॉट) ने 25 फरवरी 2022 को एक वर्चुअल समारोह में 12वें वार्षिक एजिस ग्राहम बेल पुरस्कारों में अपने स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए अभिनव दूरसंचार समाधानों के लिए विभिन्न श्रेणियों में तीन पुरस्कार प्राप्त किए हैं। सी-डॉट को निम्नलिखित तीन श्रेणियों में शीर्ष विजेता घोषित किया गया है:
1. “सामाजिक कल्याण के लिए तकनीक” की श्रेणी में आईटीयू के कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) पर आधारित आपदा प्रबंधन और तैयारी के लिए स्वदेशी अर्ली वार्निंग प्लेटफॉर्म
उपरोक्त अत्याधुनिक समाधान को इस श्रेणी में शीर्ष विजेता घोषित किया गया है। यह प्रणाली विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि चक्रवाती तूफान, बाढ़ व महामारी आदि के दौरान आपदा संभावित क्षेत्रों में लोगों को मोबाइल फोन, टीवी, रेडियो, रेलवे घोषणा व डिस्प्ले प्रणाली और तटीय सायरन सहित कई मीडिया साधनों के जरिए स्थानीय भाषा में स्थान-आधारित आपदा अलर्ट प्रभावी ढंग से भेज सकती है। इस प्रणाली के कारण जान-माल के नुकसान में काफी कमी आई है। सी-डॉट के इस लागत- प्रभावी समाधान को राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की एकीकृत चेतावनी प्रणाली परियोजना में सफलतापूर्वक लगाया गया है। कोविड 19 और चक्रवात निसर्ग, अम्फान, ताउते व यास के दौरान प्रभावशाली तरीके से इसका शानदार तरीके से उपयोग किया गया। यह उल्लेखनीय है कि इस मजबूत मंच का उपयोग कर 350 करोड़ से ज्यादा एसएमएस भेजे जा चुके हैं।
2. सी-डॉट संवाद – सुरक्षित संदेश और कॉलिंग समाधान के लिए एक एकीकृत मंच
इस समाधान ने “लॉकडाउन प्रबंधन में अभिनव” की श्रेणी में भी पहला स्थान प्राप्त किया है। सी-डॉट संवाद सुरक्षित तरीके से संदेश, वॉयस व वीडियो कॉल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा प्रदान करता है। इसे अनूठी विशेषताओं के एक सेट के साथ विशेष रूप से आधिकारिक संचार/बैठक के संबंध में इसकी उपयोगिता बढ़ाने को लेकर विभिन्न सुरक्षा चिंताओं के समाधान के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। संवाद, विविध परिनियोजन परिदृश्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उच्च स्तर का अनुकूलन प्रदान करता है। संवाद को एक समर्पित नेटवर्क अवसंरचना या क्लाउड आधारित प्रणाली पर आसानी से संचालित किया जा सकता है, जो उपयोगकर्ता संगठन के प्रशासनिक नियंत्रण में रहता है। इसके अलावा संवाद अपनी मजबूत सुरक्षा और एन्क्रिप्शन क्षमताओं के साथ साइबर हमलों के खिलाफ डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह समाधान कोविड के समय में “वर्क फ्रॉम होम” को सुविधाजनक बनाने में काफी प्रभावी साबित हुआ है। सी-डॉट संवाद को कुछ सामरिक एजेंसियों सहित विभिन्न सरकारी विभागों में लगाया गया है।
3. सी-डॉट क्वारंटाइन अलर्ट सिस्टम (सीक्यूएएस) को “कोविड 19 से लड़ाई करने के लिए निवारक उपायों” की श्रेणी में पहला पुरस्कार सीक्यूएएस, कोविड संक्रमण के चलते क्वारंटाइन किए गए व्यक्तियों की प्रभावी निगरानी करने व जियो-फेंसिंग के आधार पर क्वारंटाइन उल्लंघनों का पता लगाने के लिए एक व्यापक समाधान है। यह प्रणाली स्मार्टफोन और फीचर फोन, दोनों का उपयोग करने वालों की जरूरतों को पूरा करती है। इस संपूर्ण परियोजना की परिकल्पना और कार्यान्वयन दूरसंचार विभाग (डीओटी) और सी-डॉट द्वारा टीएसपी के साथ-साथ मौजूदा संसाधनों का उपयोग करके व बिना किसी अतिरिक्त लागत के किया गया है। सीक्यूएएस का उपयोग मई, 2021 से ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों की निगरानी के लिए ऑक्सीजन डिजिटल निगरानी प्रणाली (ओडीटीएस) के रूप में भी किया गया। वर्तमान में 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसका उपयोग कर रहे हैं।
इस पुरस्कार समारोह में वर्चुअल माध्यम के जरिए सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक व सी-डॉट परियोजना बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राजकुमार उपाध्याय, सी-डॉट की निदेशक व सी-डॉट परियोजना बोर्ड की सदस्य श्रीमती शिखा श्रीवास्तव के साथ इन परियोजनाओं का नेतृत्व करने वाले सौरभ बसु, बिरेन कर्मकार और अनन्या राय उपस्थित हुईं।
डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने सी-डॉट के युवा इंजीनियरों और प्रौद्योगिकी नेतृत्वकर्ताओं के प्रयासों की सराहना की, जो माननीय प्रधानमंत्री के “आत्मनिर्भर भारत” की सोच को साकार करने के लिए निरंतर नवाचार कर रहे हैं।