सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने कल 14 दिसम्बर 2022 से नई दिल्ली में दूरसंचार विभाग, और दूरसंचार मानक विकास सोसाइटी (टीएसडीएसआई) के सहयोग से दो दिवसीय वैश्विक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) मशीन से मशीन (एम2एम) सम्मेलन का आयोजन किया है। यह सम्मेलन ‘मानकीकृत कार्यान्वयन के माध्यम से आईओटी/एम2एम इकोसिस्टम का विकास’ विषय पर केंद्रित है ।
वैश्विक आईओटी/एम2एम सम्मेलन
वैश्विक आईओटी/एम2एम सम्मेलन
इस सम्मेलन का उद्देश्य अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा, सरकार, उद्योग, स्टार्ट-अप्स, वैश्विक दूरसंचार संघों और मानक विकास संगठनों में फैले आईओटी/एम2एम इकोसिस्टम के प्रमुख हितधारकों के बीच व्यापक सहयोग के लिए एक सहक्रियात्मक रूपरेखा विकसित करना है। इससे वैविध्यता पूर्ण क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोगों के लिए नवीन, मानकीकृत और अंतरसंचालनीय (इंटरऑपरेबल) आईओटी/एम2एम समाधानों के तेजी से विकास की सुविधा मिल सकेगी।
विश्व 5जी के उद्भव के साथ तकनीकी क्रांति के एक ऐसे नए युग का अनुभव कर रहा है जिसने नए उपयोग-मामलों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और आईओटी/एम2एम आधारित स्वचालित समाधानों के विकास को गति दी है। यह सम्मेलन देश भर में स्मार्ट शहरों के निर्माण के सरकार के महत्वाकांक्षी मिशन के परिप्रेक्ष्य में भी अधिक महत्व रखता है।
इस सम्मेलन के तकनीकी सत्र सी-डॉट कॉमन सर्विस प्लेटफॉर्म और कृषि जैसे ग्रामीण अनुप्रयोगों के लिए उपयोग–आधारित, भारत और विदेश दोनों के सम्मानित वक्ताओं एवं इस क्षेत्र के दिग्गजों की एक विस्तृत बातचीत के बीच प्रतिभागियों को विश्व भर में आईओटी/ एम2एम प्रथाओं और एक इंटरऑपरेबल एवं टिकाऊ आईओटी इकोसिस्टम के लिए मानकीकरण पहल, आईओटी सुरक्षा तथा अन्य अंतर्निहित चुनौतियों, 5जी के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आईओटी, स्मार्ट शहरों के लिए आधारभूत ढांचे सहित विविध समकालीन विषयों पर विचार-विमर्श का अवसर प्रदान कर रहे हैं।
डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष और दूरसंचार सचिव, श्री के राजारमन ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए अपने मुख्य भाषण में ग्रामीण और अर्ध-शहरी परिनियोजन की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भागीदारों, स्टार्ट-अप्स, इनोवेटर्स से इकोसिस्टम में सभी समावेशी प्रौद्योगिकी मानकों के विकास की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने का आग्रह किया। इसके परिणामस्वरूप तकनीकी नवोन्मेष का लाभ अब तक सेवा से वंचित और कम सेवा प्राप्त क्षेत्रों तक भी पहुंच सकेगा ।
डिजिटल संचार आयोग, के सदस्य (सेवाएं) डॉ. महेश शुक्ला ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए 5जी और कृत्रिम बुद्दिमत्ता में ऐसी नवीनतम प्रगति के बारे में बात की, जो आईओटी/ एम2एम परिदृश्य को बड़े पैमाने पर बदल सकती है और जिससे स्मार्ट शहरों और औद्योगिक स्वचालन सहित विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए अकल्पनीय नवाचार मिल सकते हैं।
डिजिटल संचार आयोग, सदस्य (प्रौद्योगिकी), श्री संजीव अग्रवाल ने अपने संबोधन में सुरक्षा और इंटर ऑपरेबिलिटी पर ध्यान देने के साथ स्थायी आईओटी/एम2एम की अवस्थापना के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिसे विश्व स्तर पर केंद्रीकृत ढांचे को अपनाने के साथ प्राप्त किया जा सकता है ।
दूरसंचार मानक विकास सोसाइटी (टीएसडीएसआई) की महानिदेशक सुश्री पामेला कुमार ने भारत में आईओटी/एम2एम इकोसिस्टम के विकास में टीएसडीएसआई की भूमिका के बारे में बात की और आईओटी/एम2एम के मानकीकरण के लिए संस्था के योगदान का सिंहावलोकन प्रस्तुत किया।
सी-डॉट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने प्रतिभागियों को आईओटी/एम2एम के क्षेत्र में सहयोगी अनुसंधान एवं विकास और मानकीकरण को बढ़ावा देने के लिए सी-डॉट द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्टार्ट-अप और उद्योगों से अपने आईओटी/एम2एम समाधानों के कार्यान्वयन के लिए सी-डॉट कॉमन सर्विस प्लेटफॉर्म का उपयोग करने और हाल ही में शुरू किए गए नवाचार केंद्र का एक भाग बनने का भी आग्रह किया।
इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों, शोधकर्ताओं और सरकार, अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा जगत, उद्योग और भारत और विदेश के स्टार्ट-अप्स के अधिकारियों ने भाग लिया।
कई स्टार्ट-अप्स, शैक्षणिक संस्थान और उद्योग के संचालक इस कार्यक्रम में अपने अभिनव आईओटी/एम2एम समाधान प्रदर्शित कर रहे हैं ।