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कैबिनेट ने ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ को जारी रखने को मंजूरी दी

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नई दिल्ली: जन अनुकूल और गरीब अनुकूल पहलों को काफी बढ़ावादेते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 05 सितंबर 2018 को आयोजित अपनी बैठक में वित्तीय समावेश के लिए राष्ट्रीय मिशन – प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) को निम्नलिखित परिवर्तनों के साथ जारी रखने को मंजूरी दे दी है:

·         वित्तीय समावेश के लिए राष्ट्रीय मिशन (पीएमजेडीवाई) 14 अगस्‍त, 2018 के बाद भी जारी रहेगा।

·         5,000 रुपये की मौजूदा ओवर ड्राफ्ट (ओडी) सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये की गई।

·         2,000 रुपये तक के  ओवर ड्राफ्ट के लिए कोई शर्त नहीं होगी।

·         ओडी सुविधा का लाभ उठाने के लिए आयु सीमा संशोधित करके 18-60 साल के बजाय 18-65 साल की जाएगी।

  • ‘हर परिवार से लेकर हर वयस्क व्‍यक्ति’ तक की विस्तारित कवरेज के तहत 28 अगस्‍त 2018 के बाद खोले गए नए पीएमजेडीवाई खातों के अंतर्गत नए रुपे कार्ड धारकों के लिए दुर्घटना बीमा कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया जाएगा।

असर:

इस मिशन को जारी रखने के परिणामस्‍वरूप देश के सभी वयस्क व्‍यक्‍ति‍/परिवार अन्य वित्तीय सेवाओं एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करने और 10,000 रुपये तक की ओवर ड्राफ्ट सुविधा के साथ कम से कम एक बुनियादी बैंक खाता खोलने में सक्षम हो जाएंगे। इससे उन्हें वित्तीय सेवाओं की मुख्यधारा में लाने के साथ-साथ सरकार की विभिन्न सब्सिडी योजनाओं के लाभों को अधिक कुशलतापूर्वक हस्तांतरित करने में भी मदद मिलेगी।

पीएमजेडीवाई के तहत उपलब्धियां:

·    लगभग 32.41 करोड़ जन धन खातों को 81,200  करोड़ रुपये से भी अधिक की जमा राशि के साथ खोला गया है।

·   53 प्रतिशत महिला जन धन खाता धारक और 59 प्रतिशत जन धन खाते ग्रामीण एवं अर्ध शहरी क्षेत्रों में हैं। 83 प्रतिशत से भी अधिक सक्रिय जन धन खातों (असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर राज्यों को छोड़कर) को ‘आधार’ से जोड़ दिया गया है। इन खाता धारकों को लगभग 24.4 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं।

·  7.5 करोड़ से भी अधिक जन धन खातों में डीबीटी हो रहे हैं।

· बैंकिंग कॉरस्‍पोंडेंट (बीसी) को 1.26 लाख उप सेवा क्षेत्रों (ग्रामीण क्षेत्र) में तैनात किया गया है जिनमें से प्रत्येक कॉरस्‍पोंडेंट 1000-1500 परिवारों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लगभग 13.16 करोड़ ‘आधार’ आधारित भुगतान प्रणाली (एईपीएस) लेन-देन जुलाई, 2018 के दौरान बीसी के जरिए किए गए हैं।

·   प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत 13.98 करोड़ सदस्‍य, अब तक 388.72 करोड़ रुपये की राशि वाले 19,436 दावों को निपटाया गया है।

·  इसी तरह, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत 5.47 करोड़ सदस्‍य, अब तक 2206.28 करोड़ रुपये के 1.10 लाख दावों को निपटाया गया है।

·  1.11 करोड़ लोग अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के सदस्य बन चुके हैं।

पीएमजेडीवाई के कार्यान्वयन के लिए एक पाइपलाइन बनाई गई है जिसके माध्यम से जन धन खातों और मोबाइल बैंकिंग को ‘आधार (जैम)’ से जोड़ दिया गया है। यह पाइपलाइन न केवल बचत, ऋण वितरण, सामाजिक सुरक्षा इत्यादि को सुविधाजनक बना रही है, बल्कि डीबीटी के माध्यम से देश के गरीब लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रत्यक्ष लाभ का हस्‍तांतरण सुनिश्चित कर इससे भी अधिक महत्वपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक कर रही है।

हर परिवार से लेकर हर वयस्क व्‍यक्‍ति‍’ तक का खाता खोलने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ प्रमुख वित्तीय समावेश कार्यक्रम (पीएमजेडीवाई) को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। जनधन-आधार-मोबाइल (जैम) की पाइपलाइन इन गतिविधियों की कवरेज के लिए आवश्यक व्‍यवस्‍था या सुविधाएं सुलभ कराएगी और इस तरह डिजिटलीकृत, वित्तीय दृष्टि से समावेशी और बीमित समाज बनाने की गति में तेजी लाएगी।

पृष्‍ठभूमि:

लोगों तक बैंकिंग सुविधाओं की पहुंच बढ़ाने, वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने और देश भर में हर परिवार को कम से कम एक बैंक खाता सुलभ कराने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2014 को अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के नाम से ‘वित्तीय समावेश पर राष्ट्रीय मिशन’ की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री द्वारा 28 अगस्त, 2014 को राष्ट्रीय स्तर पर औपचारिक रूप से इस योजना का शुभारंभ किया गया था।

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