नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नोएडा में सार्वजनिक परिवहन के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश के नोएडा सिटी सेंटर से नोएडा सेक्टर 62 तक दिल्ली मेट्रो कॉरिडोर के विस्तार को मंजूरी दी है। इस परियोजना में 1,967 करोड़ रुपये की कुल संपूर्ण लागत से 6.675 किलोमीटर तक मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिये भारत सरकार अनुदान और अप्रधान ऋण (सबओर्डिनेट) के रूप में 340.60 करोड़ रुपये देगी।
विवरण :
1. उत्तर प्रदेश के नोएडा सिटी सेंटर से सेक्टर 62, नोएडा तक 6.675 किलोमीटर तक की दूरी में दिल्ली मेट्रो कॉरिडोर के विस्तार की मंजूरी।
2. परियोजना की कुल संपूर्ण लागत 1,967 करोड़ रुपये।
3. परियोजना का कार्यान्वयन भारत सरकार की वर्तमान विशेष उद्देश्य एजेंसी (एसपीवी) दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएमआरसी) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार द्वारा जाएगा।
4. परियोजना समय-समय पर संशोधित किये गए केंद्रीय मेट्रो अधिनियम, मेट्रो रेल (निर्माण कार्य) अधिनियम 1978 और मेट्रो रेल (परिचालन तथा रख-रखाव) अधिनियम, 2002 के कानूनी प्रारूप के अंतर्गत होगी।
व्यापक प्रभाव :
नोएडा सिटी सेंटर से नोएडा सेक्टर 62 तक दिल्ली मेट्रो कॉरिडोर का विस्तार दिल्ली मेट्रो प्रणाली की द्वारका – नोएडा सिटी सेंटर लाइन का विस्तार है। इसके परिणामस्वरूप अधिक संख्या में लोग दिल्ली के इस सेटेलाइट कस्बे में आएंगे, जिससे दिल्ली की सड़कों पर भीड़-भाड़ कम होगी। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में अधिक आवासीय और व्यावसायिक परिसर होंगे। मेट्रो रेल से सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे सड़कों पर भीड़ कम होगी और कम समय में किफायती यात्रा होगी तथा ईंधन की खपत और पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा।
इस विस्तारित लाइन का सबसे अधिक लाभ नोएडा और इसके आसपास के लोगों को मिलेगा। परियोजना स्थल पर इंजीनियर और अन्य कर्मचारियों सहित लगभग 800 कर्मियों को इस कार्य पर लगाया गया है। डीएमआरसी ने इस कॉरिडोर के परिचालन और रख-रखाव के लिए लगभग 200 कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।
परियोजना के निर्माण कार्य में लगभग 81 प्रतिशत और कुल 55 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हो चुकी है।
पृष्ठभूमि :
उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के अंतर्गत बनाया गया नोएडा शहर उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में स्थित है। यहां सभी आधुनिक सुख-सुविधाएं हैं और इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दिल्ली का सबसे आधुनिक उप-नगर माना जाता है। 2011 की जनगणना के अनुसार नोएडा की आबादी 6.42 लाख है। शहर की हरियाली और खुले क्षेत्र के कारण दिल्ली और आसपास के अधिक से अधिक लोग नोएडा में बसना पसंद करते हैं।
नोएडा का शहरीकरण बढ़ता जा रहा है। इस शहर में कई औद्योगिक और संस्थान भी स्थापित किए जा रहे हैं। नोएडा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के नजदीकी क्षेत्रों तथा हरियाणा के साथ सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। अन्य स्थानों से लोग काम करने के लिए नोएडा आते और जाते हैं। इसके कारण यातायात की मांग बढ़ेगी और प्रदूषण मुक्त तेज सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की आवश्यकता होगी। नोएडा मेट्रो रेल से जुड़ा हुआ है और मेट्रो रेल नोएडा सिटी सेंटर (सेक्टर 32, नोएडा) तक चलती है। 6.675 किलोमीटर की दूरी में 6 स्टेशनों के साथ नोएडा सिटी सेंटर से नोएडा सेक्टर 62 तक मेट्रो कॉरिडोर के विस्तार का प्रस्ताव किया गया था। नोएडा में रेलवे स्टेशन नहीं है और सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन 15 किलोमीटर की दूरी पर हजरत निजामुद्दीन, नई दिल्ली है। दिल्ली का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा नोएडा से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है। आगामी वर्षों में नोएडा क्षेत्र में आबादी तेजी से बढ़ने की संभावना है।