नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिए भारत और मिस्र के बीच सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है।
इस एमओयू के तहत सहयोग के क्षेत्रों में फसल (विशेष तौर पर गेहूं और मक्का), कृषि जैव प्रौद्योगिकी, नेनो टेक्नोलॉजी, जल संरक्षण एवं सूक्ष्म सिंचाई प्रौद्यागिकी सहित सिंचाई एवं जल प्रबंधन तकनीक, ऊर्जा उत्पादन के लिए कृषि अपशिष्ट प्रबंधन, खाद्य संरक्षण, सुरक्षा एवं गुणवत्ता, बागवानी, जैविक कृषि, पशुपालन डेरी, मत्स्य पालन, चारा उत्पादन, कृषि उत्पाद एवं मूल्यवर्धन, पादप एवं पशु उत्पादों के व्यापार से संबंधित स्वच्छता मामलों, कृषि औजारों एवं उपकरणों, कृषि कारोबार एवं विपणन, कटाई से पहले और बाद की प्रक्रियाओं, खाद्य प्रौद्योगिकी एवं प्रसंस्करण, कृषि में एकीकृत कीट प्रबंधन, कृषि विस्तार एवं ग्रामीण विकास, कृषि व्यापार एवं निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकारसंबंधी मुद्दों, बीज के क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान एवं मानव संसाधन और पारस्परिक हित वाले अन्य सहमति के मुद्दे शामिल हैं।
शोध वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, कृषि संबंधी सूचनाओं एवं विज्ञान संबंधी प्रकाशनों (पत्र-पत्रिकाओं, पुस्तकों, बुलेटिन, कृषि एवं सहायक क्षेत्र के सांख्यिकीय आंकड़े), जर्मप्लाज्म एवं कृषि प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान और सेमीनारों, कार्यशालाओं एवं अन्य गतिविधियों के जरिए सहयोग को प्रभावी बनाया जाएगा।
इस एमओयू के तहत एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) का गठन किया जाएगा ताकि द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत सहित पारपरिक हित वाले अन्य मुद्दों पर सहयोग को बेहतर किया जा सके। शुरूआती दो वर्षों के दौरान संयुक्त कार्य समूह की बैठक कम से कम साल में एक बार (भारत और मिस्र में) जरूर होगी। इसके तहत संयुक्त कार्य के लिए कार्यक्रम तैयार करने, सुविधा एवं परामर्श मुहैया कराने और खास मुद्दों के संदर्भ में अतिरिक्त सहयोग आदि मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।