नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागर विमानन के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और जर्मनी के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर को स्वीकृति दे दी है। इस समझौता ज्ञापन का शीर्षक नागर विमानन क्षेत्र में सहयोग पर भारत और जर्मनी के बीच अभिरूचि की संयुक्त घोषणा है। संयुक्त घोषणा से भारत और जर्मनी के बीच विमान परिवहन में कारगर विकास होगा।
अभिरूचि की संयुक्त घोषणा के रूप में समझौता ज्ञापन भारत और जर्मनी के बीच नागर विमानन संबंधों में ऐतिहासिक है और इसमें दोनों देशों के बीच अधिक व्यापार, निवेश, पर्यटन तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की क्षमता है।
दोनों देशों ने नागर विमानन क्षेत्र में ज्ञानतथा अनुभव को साझा करने के लिए अभिरूचि की संयुक्त घोषणा के माध्यम से संबंधों को और मजबूत बनाने तथा विकसित करने की इच्छा व्यक्त की। अभिरूचि की संयुक्त घोषणा का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग में प्रोत्साहन और सहयोग देना है।
(i) विमानन सुरक्षा तथा एयर ट्रैफिक प्रबंधन
सेमीनारों, गोष्ठियों, एक दूसरे देशों की यात्राओं तथा अन्य विचारों सहित विमान सुरक्षा गतिविधियों तथा सुरक्षा निगरानी से संबंधित सूचना और श्रेष्ठ व्यवहारों को साझा करना।
(ii) हेलीपोर्ट तथा हेलीकॉप्टर आपात चिकित्सा सेवा (एचईएमएस)
हेलीपोर्ट तथा हेलीकॉप्टर आपात चिकित्सा सेवाओं से संबंधित सूचना तथा श्रेष्ठ व्यवहारों को साझा करना
(iii) नियमन तथा नीति
महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर आईसीएओ में सहयोग जारी रखना।
(iv) कॉरपोरेट तथा व्यवसाय विमानन विकास
व्यवसाय तथा गैर-वाणिज्यिक विमानन के लिए सुविधाओं पर सूचना साझा करना
(v) पर्यावरण
(क) सतत तथा पर्यावरण अनुकूल एयरोड्रोम विकास तथा नियोजन पर फोकस के साथ एयरोड्रमों की सरकारी निगरानी से संबंधित अनुभव को साझा करना
(ख) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटना तथा घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर संबंधित ग्रीन हाऊस गैस (जीएचजी) उत्सर्जनों का समाधान करना।
(vi) प्रशिक्षण और कौशल विकास
तकनीकी तथा गैर-तकनीकी सहयोग और प्रशिक्षण विशेषकर विमानन सुरक्षा निगरानी में साझेदारी की संभावना तलाशना |