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मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-III (पीएमजीएसवाई-III) लांच करने की मंजूरी दी

देश-विदेश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति ने पूरे देश में ग्रामीण सड़क कनेक्टिविटी को प्रोत्‍साहित करने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-III (पीएमजीएसवाई-III) लांच करने की मंजूरी दे दी है। इस योजना में एक छोर से दूसरे छोर के मार्गों तथा रिहायशी क्षेत्रों को ग्रामीण कृषि बाजारों (जीआरएएम), उच्‍च माध्‍यमिक विद्यालयों तथा अस्‍पतालों से जोड़ने वाली प्रमुख ग्रामीण सम्‍पर्क सड़कें शामिल हैं।

पीएमजीएसवाई-III योजना के अंतर्गत राज्‍यों में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़कों को मजबूत बनाने का प्रस्‍ताव है। इसमें एक छोर से दूसरे छोर के मार्गों तथा रिहायशी क्षेत्रों को ग्रामीण कृषि बाजारों (जीआरएएम), उच्‍च माध्‍यमिक विद्यालयों तथा अस्‍पतालों से जोड़ने वाली प्रमुख ग्रामीण सम्‍पर्क सड़कें शामिल हैं।

प्रभाव:

  • इससे ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्‍च माध्‍यमिक विद्यालयों तथा अस्‍पतालों से आवाजाही आसान और तेज होगी।
  • पीएमजीएसवाई के अंतर्गत बनी सड़कों का उचित रखरखाव किया जाएगा।

वित्‍तीय आशय:

  • परियोजना की अनुमानित लागत 80,250 करोड रूपये (केंद्रीय हिस्‍सा– 53,800 करोड रूपये, राज्‍य हिस्‍सा- 26,450 करोड रूपये) है।
  • केंद्र और राज्‍यों के बीच निधियों की हिस्‍सेदारी 60:40 के अनुपात में होगी लेकिन 8 पूर्वोत्‍तर राज्‍यों तथा तीन हिमालय राज्‍यों (जम्‍मू और कश्‍मीर, हिमाचल प्रदेश  तथा उत्‍तराखंड) में ये हिस्‍सेदारी 90:10 अनुपात में होगी।

क्रियान्‍वयन: 

  • परियोजना अवधि : 2019-20 से 2024-25
  • सड़कों का चयन आबादी, बाजार, शैक्षणिक तथा चिकित्‍सा सुविधाओं आदि के मानकों के आधार पर सड़क विशेष द्वारा प्राप्‍त किये गये अंकों में से कुल अंकों के आधार पर किया जाएगा।
  • मैदानी क्षेत्रों में 150 मीटर तक पुलों का निर्माण और हिमालय तथा पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में 200 मीटर तक पुलों के निर्माण का प्रस्‍ताव है। वर्तमान प्रावधान मैदानी क्षेत्रों में 75 मीटर तथा हिमालय और पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में 100 मीटर है।
  • राज्‍यों से पीएमजीएसवाई-III लांच किये जाने से पहले समझौता ज्ञापन करने को कहा जाएगा, ताकि पीएमजीएसवाई के अंतर्गत पांच वर्ष की निर्माण रखरखाव अवधि के बाद सड़कों के रखरखाव के लिए पर्याप्‍त धन उपलब्‍ध कराया जा सके।

पृष्‍ठभूमि

वित्‍तमंत्री ने वर्ष 2018-19 के अपने बजट भाषण में पीएमजीएसवाई-III योजना की घोषणा की थी।

मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति ने 9 अगस्‍त, 2018 में अपनी बैठक में  पीएमजीएसवाई-I  और पीएमजीएसवाई-II को 12वीं पंचवर्षीय योजना से आगे जारी रखने तथा मार्च-2019 तक पीएमजीएसवाई-I के अंतर्गत शेष पात्र रिहायशी क्षेत्रों को कवर करने तथा मार्च-2020 तक पीएमजीएसवाई-II और चिन्हिृत एलडब्‍ल्‍यूई ब्‍लॉकों के रिहायशी क्षेत्रों (100-249 आबादी) को कवर करना जारी रखने की स्‍वीकृति दी थी।

पीएमजीएसवाई-I

पीएमजीएसवाई दिसम्‍बर 2000 में लांच की गई थी। इसका उद्देश्‍य निर्धारित आकार (2001 की जनगणना के अनुसार 500+मैदानी क्षेत्र तथा 250+ पूर्वोत्‍तर, पर्वतीय, जनजातीय और रेगिस्‍तानी क्षेत्र) के सड़क कनेक्टिविटी से अछूते पात्र रिहायशी क्षेत्र के लिए सभी मौसम के अनुकूल एकल सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करना था, ताकि क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास हो सके। 97 प्रतिशत पात्र और सम्‍भाव्‍य रिहायशी क्षेत्र सभी मौसम के लिए अनुकूल सड़कों से जुड़ गये है।

चरमपंथ प्रभावित क्षेत्र के लिए सड़क कनेक्टिविटी परियोजना (आरसीपीएलडब्‍ल्‍यूईए)

सरकार ने पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 2016 में चरमपंथ प्रभावित क्षेत्रों के लिए पृथक सड़क कनेक्टिविटी परियोजना लांच की, ताकि सुरक्षा और संचार  व्‍यवस्‍था की दृष्टि से गंभीर 44 जिलों में आवश्‍यक पुलियों तथा आड़े-तिरछे प्रतिकूल जल निकासी ढांचे के साथ सभी मौसम के अनुकूल रोड कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके। योजना के अंतर्गत 5,066 किलोमीटर लंबी सड़क को मंजूरी दी गई।

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