केन्द्रीय मंत्रिमंडल सचिव श्री राजीव गौबा ने आज देशभर में कोविड स्थिति की समीक्षा करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 33वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों ने भाग लिया।
मंत्रिमंडल सचिव श्री राजीव गौबा ने पिछले वर्ष से ही वैश्विक महामारी कोविड को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी और उनके साथ भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य आधारभूत संरचनाओं के विस्तार और उनमें सुधार लाने, टीकों (वैक्सीन) के अनुसंधान और उनके उत्पादन, गरीबों का कल्याण, टीकाकरण और ऑक्सीजन की आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर भारत सरकार द्वारा गठित कार्यबल और विशेषज्ञ समूहों द्वारा किए गए कार्यों पर सूचनाओं को साझा किया। श्री गौबा ने स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे का विस्तार करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उठाए गए सामयिक कदमों की सराहना भी की और उन्हें घर में ही पृथक संगरोध (होम आइसोलेशन), कोविड के शुरुआती रोगियों की देखभाल, इत्यादि पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों द्वारा जारी निर्देशों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सितंबर 2020 से ही स्वदेशी उद्योगों के साथ तरलीकृत चिकित्सीय ऑक्सीजन (एलएमओ) के उत्पादन और आपूर्ति के लिए सक्रियता से सम्पर्क में हैं। इससे सडक, वायु और जलमार्ग से एलएमओ के परिवहन से जुड़े मुद्दों के समाधान में सहायता भी मिली है।
मंत्रिमंडल सचिव ने जनता को केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा की गई कार्रवाई से अवगत कराने की आवश्यकता पर जोर दिया और आश्वासन दिया कि अस्पतालों को समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति और अन्य चिकित्सा संसाधन उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
कैबिनेट सचिव, श्री राजीव गौबा ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अप्रैल, 2020 में देश में वैक्सीन के विकास और उत्पादन के लिए विशेषज्ञों का एक समूह गठित किया था और बाद में अगस्त, 2020 में अन्य विशेषज्ञों का एक समूह टीकों के वितरण के लिए बनाया गया था। विशेषज्ञों की सलाह पर प्राथमिकता समूहों की पहचान की गई और इन प्राथमिकता समूहों के लिए टीकाकरण भारत सरकार द्वारा राज्यों को नि:शुल्क आपूर्ति की गई। इसके बाद, मांग के अनुसार, अन्य कमजोर समूहों को भी प्राथमिकता सूची में शामिल किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि टीकाकरण की दूसरी खुराक के लिए पात्र लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और वैक्सीन (टीकों) की बर्बादी (अपव्यय) को कम से कम किया जाना चाहिए। टीकाकरण के विषय पर भ्रामक और गलत जानकारी पर चिंता व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार या राज्य सरकारों द्वारा खरीदे जाने वाले सभी टीके हैं, वास्तव में राज्यों की जनता के लिए हैं और केंद्रीय स्तर पर इनकी कोई खपत नहीं है।
स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया कि वे परीक्षण, गहन कार्रवाई और वैश्विक महामारी की स्थानीय स्तर पर रोकथाम, अस्पताल के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने, मानव संसाधनों को बढाने, ऑक्सीजन के तर्कसंगत उपयोग आदि को प्राथमिकता दें। उन्होंने अगले तीन महीनों के भीतर 1213 पीएसए संयंत्र लगाने की योजना की भी जानकारी दी। टीकों के विवेकपूर्ण उपयोग को दोहराते हुए उन्होंने बेहतर प्रतिरक्षण के लिए टीकाकरण की दोनों खुराक लेने के महत्व पर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
राज्यों को दैनिक आधार पर वैक्सीन उत्पादकों के साथ बातचीत करने के लिए समर्पित टीमों का गठन करना चाहिए।
सूचना और प्रसारण सचिव ने कोविड के उचित व्यवहार को जारी रखने और भारत सरकार द्वारा जारी विभिन्न दिशानिर्देशों और सलाहों के बारे में जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया जो कि https://www.mygov.in/covid-19/पर भी उपलब्ध हैं।
उन्होंने राज्यों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, और अन्य क्षेत्र-स्तर के अधिकारियों को शामिल करके शहरों के बाहरी क्षेत्रों, ग्रामीण क्षेत्रों तथा जनजातीय क्षेत्रों में और जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया। उन्होंने लोगों को उचित दिशा-निर्देशों की जानकारी देने के लिए स्थानीय समुदायों के नेताओं और प्रभावशाली लोगों को शामिल करने के लिए राज्यों से अनुरोध किया, ताकि कोविड संक्रमण के प्रारंभिक लक्षणों और उसके बाद आवश्यक देखभाल को लेकर किसी भी प्रकार की घबराहट न हो पाए ।