भारत सरकार के मंत्रिमंडल सचिव श्री राजीव गाबा ने रविवार को राजधानी दिल्ली में कोविड-19 तैयारियों से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। बैठक में मौजूद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अधिकारियों ने एक प्रस्तुति (प्रेज़ेंटेशन) दी। इसमें सक्रिय मामलों से संबंधित ताज़ा रुझान, मृत्यु और सकारात्मकता दर, चिकित्सा संबंधी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता और उनके विस्तार की कार्य योजना, ऑक्सीजन उपलब्धता की स्थिति, होम आइसोलेशन की प्रक्रिया और हेल्पलाइन, एम्बुलेंस सेवा और कोविड की जांच जैसे तमाम पहलुओं को शामिल किया गया। इस बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव डॉ. वी. के. पॉल, नीति आयोग के सदस्य, दिल्ली के मुख्य सचिव और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, दिल्ली के तीनों नगर निगमों के आयुक्त और एनडीएमसी के अध्यक्ष उपस्थित थे।
मंत्रिमंडल सचिव ने कोविड बेड, आईसीयू और वेंटिलेटर की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए राजधानी दिल्ली में चिकित्सा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को जल्द से जल्द बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने समर्पित वेबसाइटों/ ऐप्स के माध्यम से कोविड बेड और अन्य सुविधाओं/ दवाओं की उपलब्धता के बारे में सभी ज़रूरी जानकारी लोगों को उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि इन सूचनाओं के आधार पर लोग सही समय पर सही जगह पहुंचकर इन सुविधाओं/ दवाओं का फायदा उठा सकें। उन्होंने कहा कि ज़रूरतमंद लोगों को चिकित्सा संबंधी ज़रूरी सूचनाएं प्रदान करने के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की जानी चाहिए, और लोगों के बीच इसका अधिक से अधिक प्रचार भी किया जाना चाहिए। इस हेल्पलाइन में एक समर्पित और सही एवं पूर्ण जानकारी रखने वाली टीम होनी चाहिए। ऑक्सीजन की उपलब्धता से जुड़े मुद्दे पर बात करते हुए मंत्रिमंडल सचिव ने हाल की उन घटनाओं पर दुःख व्यक्त किया, जहाँ सही समय पर ऑक्सीजन न मिलने से लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने दिल्ली सरकार से कहा कि वे दिल्ली के लिए आवंटिन ऑक्सीजन को उचित स्थान से सही समय पर उठाने के लिए हर संभव प्रयास करें और इसके लिए जितने भी संसाधन उपलब्ध हैं, उन सबका इस्तेमाल करें। उन्होंने ये सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि उपलब्ध ऑक्सीजन का तर्कसंगत और पारदर्शी तरीके से वितरण किया जाए ताकि ऑक्सीजन की बर्बादी से बचा जा सके। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या के मुद्दे पर उन्होंने दिल्ली सरकार से कहा कि वे सेवानिवृत्त चिकित्सा कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया को उदार बनाकर इनकी सेवाएं लें। मंत्रिमंडल सचिव ने दिल्ली सरकार को यह भी कहा कि वे टेस्टिंग सुविधाओं को बढ़ाएं और कोविड टेस्ट के परिणाणों को समय पर उपलब्ध कराने का प्रयास करें।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रत्येक अस्पताल के बाहर पारदर्शी इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से कोविड मरीज़ों के लिए उपलब्ध बिस्तरों की संख्या बताने वाली पूर्व में जारी व्यवस्था को फिर से शुरू करने पर जोर दिया। अतिरिक्त सचिव, स्वास्थ्य ने विभिन्न अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं में ऑक्सीजन ऑडिट समितियों की स्थापना की आवश्यकता पर भी जोर दिया। केन्द्रीय अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव ने ज़ोर देते हुए कहा कि वर्तमान समय में विभिन्न अस्पतालों और चिकित्सा केन्द्रों में ऑक्सीजन ऑडिट समिति का गठन करने की आवश्यकता है।
डॉ. वी. के. पॉल ने राजधानी दिल्ली के वर्तमान हालात की गंभीरता पर बल देते हुए सुझाव दिया कि राजधानी में चिकित्सा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए अस्पतालों और छोटे नर्सिंग होम को साथ मिलकर काम करने के लिए आपस में जोड़ दिए जाए। उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार होटलों और ऐसे ही अन्य स्थानों पर कोविड देखभाल केन्द्र शुरू किए जाएं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की 24×7 हेल्पलाइन को मज़बूती प्रदान के लिए दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन से 50 डॉक्टर्स की एक टीम उपलब्ध कराने का आग्रह किया जाए, जो स्वैच्छिक आधार पर कोविड-19 मरीज़ों को परामर्श प्रदान करे। ये हेल्पलाइन/ चिकित्सा पेशेवर दवाओं, ऑक्सीजन कन्संट्रेटर्स और अन्य चिकित्सा सुविधाओं के उपयोग के बारे में मरीज़ों का मार्गदर्शन कर सकते हैं।