नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने आज ग्रामीण कृषि बाज़ारों एवं व्यवस्थित थोक बाज़ारों में कृषि विपणन अवसंरचना के विकास एवं उन्नयन के लिये राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के साथ मिल कर बनाए जाने वाले कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष (एएमआईएफ) के लिये 2000 करोड़ रुपये की कायिक निधि के सृजन को अपनी अनुमति प्रदान कर दी है ।
कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष (एएमआईएफ) प्रदेशों/ केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को 585 कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) एवं 10,000 ग्रामीण कृषि बाज़ारों में विपणन की ढांचागत व्यवस्था विकसित करने के लिये उनके प्रस्ताव पर वित्तीय छूट प्राप्त ऋण मुहैया कराएगा । राज्य हब एवं स्पोक प्रणाली एवं पीपीपी प्रणाली समेत उन्नत एकीकृत बाज़ार अवसंरचना परियोजनाओं के लिये कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष (एएमआईएफ) से सहायता प्राप्त कर सकेंगे । इन ग्रामीण कृषि बाज़ारों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना एवं अन्य सरकारी योजनाओं का उपयोग कर भौतिक एवं आधारभूत अवसंरचना को सुदृढ़ किया जाएगा ।
अनुमति प्राप्त होने के बाद कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष (एएमआईएफ) योजना को कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसी एंड एफडबल्यू) द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को 2018-19 एवं 2019-20 के साथ-साथ 2024-25 तक के दौरान जारी वार्षिक बजट के अनुरूप ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी । योजना के मांग आधारित होने से इसकी प्रगति राज्यों की मांग एवं उनसे प्राप्त होने वाले प्रस्तावों का विषय होगी ।