नई दिल्ली: रक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष भामरे ने आज भारतीय नौसेना की स्कार्पीन क्लास स्टेल्थ पनडुब्बी श्रृंखला की दूसरी पनडुब्बी खंदेरी का उद्घाटन किया। इससे इसके समुद्री परीक्षणों का मार्ग प्रशस्त हो गया है। मझगांव गोदीशिपयार्ड लिमिटेड में नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर परउपस्थित थे।
यह पनडुब्बी इस वर्ष के अंत तक नौसेना को सौंपे जाने की संभावना है। मझगांव डाक शिपयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) में वर्तमान में प्रोजेक्ट 75 के अंतर्गत 6 स्कार्पीन पनडुब्बियों का निर्माण प्रगति पर है। इसके लिएफ्रांस की सहयोगी कम्पनी मैसर्स डीसीएनएस ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की है। स्कार्पीन वर्ग की प्रथम कलवरीके वर्तमान में समुद्री परीक्षण चल रहे हैं और 2017 के मध्य में इसे नौसेना में शामिल कर लिए जाने की संभावनाहै। ये पनडुब्बियां नौसेना में शामिल होने के बाद उसके परम्परागत पनडुब्बी विभाग का महत्वपूर्ण हिस्सा बनजाएंगी।
इस अवसर पर डॉ सुभाष भामरे ने कहा कि प्रोजेक्ट 75 कलवरी देश के लिए आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण कीदिशा में मील का पत्थर है। नौसेना अध्यक्ष एडमिरल सुनील लाम्बा ने अपने संबोधन में कहा कि यह एक तथ्य हैकि ‘‘खंदेरी’’ की तुलना दुनिया की श्रेष्ठतम पनडुब्बियों से की जा सकती है। हमारे जहाज निर्माताओं ने पिछलेवर्षों में इसके निर्माण में उच्च अनुभव और विशेषज्ञता अर्जित की है। उन्होंने कहा कि 2017 में नौसेना कापनडुब्बी विभाग अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है और ऐसे में प्रोजेक्ट 75 की पनडुब्बियां नौसेना के बेड़े में शामिलहोने से देश की पनडुब्बी क्षमताओं में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है।