देहरादून: न्यू कैंट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गणतंत्र दिवस की परेड़ में शामिल हुए विभिन्न जनपदों से आये
हुए सांस्कृतिक दलों के कलाकारों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सांस्कृतिक दल हमारी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे है। किसी भी समाज का आईना उसकी संस्कृति होती है। हमारी संस्कृति हमारी धरोहर है, उसको संरक्षित करना हमारा दायित्व है। सांस्कृतिक दल हमें हमारी संस्कृति से रूबरू कराती है। लोक कलाकारों के विकास हेतु राज्य सरकार हर संम्भव प्रयास कर रही है। उन्होने कहा कि जल्द ही लोक कलाकारों के उत्थान हेतु एक संस्थान भी खोला जायेगा, जिसका नाम भी लोक कलाकार के नाम पर ही रखा जायेगा। उन्होने कहा कि सांस्कृतिक कलाकार समाज की जीवंतता को जीवित करता है। राज्य सरकार सांस्कृतिक कलाकारों को विभिन्न सामाजिक मंचो की गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास कर रही है ताकि राज्य के विकास के साथ-साथ उनका भी विकास सम्भव हो सके।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने संस्कृति विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि वे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जाके अध्ययन करे तथा जो लोक संस्कृति विलुप्ती की कगार में पंहुच चुकी हो वैसी पौराणिक संस्कृति की खोज कर उन्हें प्रकाश में लाया जाय।
सम्मानित किये गये दलों में जनपद अल्मोड़ा से संस्कार सांस्कृतिक दल एवं हिमाद्री नट कला समिति, देहरादून से चकराता लोक कला मंच एवं ब्रह्नमकमल सांस्कृतिक दल, जनपद चमोली से भोटिया सांस्कृतिक दल एवं जनपद पिथौरागढ़ से पर्वतीय सांस्कृतिक और साहित्य कला समिति एवं कुॅमाऊ छोलियाॅ विकास समिति सम्मिलित थे।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पूर्व विधायक जोत सिंह गुंसौला, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, मुख्यमंत्री के मीडिया को-आर्डिनेटर राजीव जैन, मुख्यमंत्री के जनसंपर्क समन्वयक जसबीर रावत आदि उपस्थित थे।