नई दिल्ली: वर्तमान में भारत के दौरे पर आए कनाडा के प्राकृतिक संसाधन मंत्री श्री जेम्स गॉर्डन कैर ने कल यहां केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट की। उन्होंने दोनों देशों के बीच असैन्य-परमाणु सहयोग सहित आपसी हित के अनेकानेक मुद्दों पर चर्चा की।
कनाडा के प्राकृतिक संसाधन मंत्री के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है, जिसमें कनाडा की प्राकृतिक संसाधन उप मंत्री सुश्री क्रिस्टीन ट्रेम्ब्ले, मंत्री महोदय की चीफ ऑफ स्टाफ सुश्री जेनेट एन्नेसली, संचार निदेशक सुश्री लॉरेल मुनरो, भारत में कनाडा के उच्चायुक्त श्री नादिर पटेल, कनाडा के उच्चायोग में मंत्री (वाणिज्यिक) श्री ब्रायन पैरट, ऊर्जा उप निदेशक सुश्री क्रिस्टीन एंजेलो और कनाडा के उद्योग एवं विपणन के क्षेत्र के सदस्य शामिल हैं। दोनों देशों के बीच पारंपरिक मैत्रीपूर्ण संबंधों को याद करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत-कनाडा संबंधों की सबसे विशिष्ट खूबी यह है कि कड़वाहट या वैमनस्य के किसी भी दौर के बिना ही ये रिश्ते निरंतर अनुकूल बने रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे दोनों ही देशों को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक सहयोग करने में काफी मदद मिली है, जो अब सफलता की एक गाथा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कनाडा यात्रा को स्मरण किया, जिस दौरान एक दीर्घकालिक यूरेनियम खरीद अनुबंध पर कनाडा के यूरेनियम उत्पादक ‘कैमेको’ के साथ भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग ने हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने कहा कि इसके बाद कनाडा से यूरेनियम की पहली खेप दिसंबर 2015 में भारत पहुंच गई थी और दूसरी खेप के इसी साल नवंबर तक पहुंचने की उम्मीद है।
देश में ऊर्जा की व्यापक आवश्यकताओं का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत बड़े पैमाने पर परमाणु ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रति आशान्वित है और दोनों देश इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह के अवलोकन से सहमति जताते हुए श्री जेम्स कैर ने कहा कि वह आने वाले वर्षों के दौरान भारत-कनाडा के आपसी सहयोग में और ज्यादा वृद्धि को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने डॉ. जितेंद्र सिंह को अपनी सुविधा के अनुसार कनाडा का दौरा करने का निमंत्रण भी दिया।
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