देहरादून: चीनी मिलों के आॅफ सीजन रिपेयरिंग कार्य, गन्ना मूल्य भुगतान, गन्ना बीज बदलाव कार्यक्रम, गन्ने की उत्पादकता बढ़ाये जाने, चीनी मिल बाजपुर एवं नादेही के आधुनिकीकरण तथा डोईवाला एवं किच्छा में रिफाईन्ड शुगर प्लांट की स्थापना के सम्बन्ध में बुधवार को सचिवालय में विनोद शर्मा, सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, द्वारा समीक्षा बैठक की गई।
बैठक में सचिव विनोद शर्मा द्वारा सभी चीनी मिलों से आफ सीजन रिपेयरिंग के पार्ट-चार्ट प्रस्तुत करने एवं प्रगति की साप्ताहवार समीक्षा किये जाने के निर्देश दिये गये। सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि वायू एवं जल प्रदूषण रोधी संयंत्र (ETP & Fly Ash Arrestor) के कार्य अत्यन्त महत्वपूर्ण है एवं प्रत्येक परिस्थिति में 30 अक्टूबर, 2015 से पूर्व पूर्ण किये जाने है। श्री शर्मा ने अपर सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, को पाक्षिक रूप से समीक्षा कर प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग द्वारा निर्देेशित किया गया कि गन्ने की आगामी गन्ना बुवाई नयी विधि से की जाय तथा गन्ने के बीच की दूरी चार से पाॅंच फुट के बीच होनी चाहिए, साथ ही गन्ने की फसल के साथ कवनइसम बतवच लगायी जाये। इससे एक ओर गन्ने की मोटाई, ग्रोथ एवं उत्पादकता बढ़ेगी साथ ही कृषको को दोहरा वित्तीय लाभ मिलेगा। गन्ना प्रजातियों के बदलाव एवं अच्छी प्रजातियो को बढावा दिये जाने हेतु कृषको को प्रोत्साहित किये जाने हेतु भी निर्देशित किया गया। राज्य की सहकारी/सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों में वर्तमान में 13.45 लाख कुन्टल चीनी एवं 3.00 लाख कुन्टल शीरा भण्डारित है। उक्त का विक्रय त्वरित गति से किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। कृषको एवं चीनी मिलों के हितो के दृष्टिगत चीनी मिलों के कार्यकलापों में और अधिक सुधार लाये जाने एवं चीनी मिलों की आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाये जाने के लिए प्रभावी कार्यवाही किये जाने के लिए निर्देशित किया गया।
चीनी मिलों की आफ सीजन रिपेयरिंग कार्यो की प्रगति की समीक्षा के दौरान अपर सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में सहकारी/सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों में रिपेयरिंग कार्य लगभग 25 से 30 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। आवश्यक सामग्रियों एवं देर से प्राप्त होने वाली सामग्रियों हेतु दर अनुबन्ध पूर्ण किये जा चुके है। अपर सचिव द्वारा चीनी मिलों में स्थापित किये जा रहे वायू एवं जल प्रदूषण रोधी संयंत्र (ETP & Fly Ash Arrestor) के कार्यो की प्रगति से भी अवगत कराया गया। चीनी मिल बाजपुर एवं नादेही का आधुनिकीकरण किये जाने के लिए मंत्रिमण्डल द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में आधुनिकीकरण पर होने वाले व्यय की धनराशि की व्यवस्था हेतु राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एन0सी0डी0सी0) एवं शर्करा विकास निधि (एस.डी.एफ), भारत सरकार से ऋण प्राप्त किये जाने हेतु अपर सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, को अग्रेत्तर कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। डोईवाला एवं किच्छा में रिफाईन्ड शुगर प्लांट की स्थापना किये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डल के सम्मुख पूर्ण विवरण तत्काल प्रस्तुत किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
अपर सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग द्वारा अवगत कराया गया कि पेराई सत्र 2014-15 में 351.59 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई कर, 32.47 लाख कुन्टल चीनी का उत्पादन किया गया है। पेराई किये गये गन्ने के देय गन्ना मूल्य रूपये 975 करोड़ के सापेक्ष्य वर्तमान तक रूपये 490 करोड का भुगतान किया जा चुका है। वर्तमान में रूपये 485 करोड का भुगतान किया जाना शेष है। सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग द्वारा कृषको के देय गन्ना मूल्य का तत्काल भुगतान कराये जाने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
संयुक्त गन्ना एवं चीनी आयुक्त द्वारा प्रदेश की चीनी मिलों को क्षमता अनुसार गन्ना उपलब्ध किये जाने के लिए गन्ना प्रजाति बदलाव कायक्र्रम के संदर्भ में विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। पेेराई सत्र 2014-15 में शीघ्र पकने वाली प्रजाति का क्षेत्रफल 28.02 प्रतिशत तथा सामान्य प्रजाति के गन्ने का क्षेत्रफल 70.09 प्रतिशत रहा है। शीघ्र पकने वाली नवीनतम गन्ना प्रजाति को0-0238, को0-0239, को0पंत-3220, को0-0118, आदि प्रजातियों की बुवाई के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आगामी वर्ष 2015-16 में शीघ्र प्रजाति का गन्ना क्षेत्रफल 30 प्रतिशत, तथा आगामी पंचवर्षीय में लगभग 35 प्रतिशत किये जाने के लक्ष्य से अवगत कराया गया।
बैठक में प्रदीप सिंह रावत, अपर सचिव,गन्ना विकास एवं चीनी उधोग, सुनील सिंह, उप सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, एन के उपाध्याय, सलाहकार, गन्ना चीनी, डा0 योगेन्द्र पाल, संयुक्त गन्ना एवं चीनी आयुक्त, ऐ0के0भट्टाचार्य, महाप्रबन्धक, उत्तराखण्ड शुगर्स द्वारा प्रतिभाग किया गया।