नई दिल्ली: केन्द्रीय जल मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने झारखंड की राजधानी रांची में जल शक्ति मंत्रालय के
पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) की क्षमता सुदृढ़ीकरण पहल आरंभ की। इस कार्यक्रम में उनके साथ जल शक्ति मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया, झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुबर दास और झारखंड सरकार के पेयजल और स्वच्छता मंत्री श्री रामचंद्र सहिस भी शामिल थे। यह पहल अपने आरंभिक प्रशिक्षणों में 2800 क्षेत्र प्रशिक्षकों का एक पूल बनाएगी, जो पूरे देश में लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों तक पहुंचेंगे।
यह पहल स्वच्छ भारत मिशन के तहत सृजित खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) पहल दीर्घकालिक रूप से गाँवों की संधारणीयता सुनिश्चित करने का प्रयास करती है और प्रक्षेत्र प्रशिक्षकों और पीआरआई (पंचायत राज संस्थाओं) के सदस्यों को ठोस और तरल अपशिष्ट के प्रबंधन के साथ-साथ सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल आपूर्ति की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने में सक्षम बनाती है।
इस अवसर पर उपस्थित 6000 से अधिक मुखिया, जल सहिया, स्वच्छाग्रहियों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने लोगों की भागीदारी पर जोर देते हुए रेखांकित किया कि आसन्न जल संकट को टालने के लिए अब “जल के आंदोलन” को “जन के आंदोलन ” में बदलने का समय आ गया है। उन्होंने उन लोगों की भूमिका की सराहना की, जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के प्रयोजन के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों के कारण, ओडीएफ और स्वच्छता वाले गांवों में लाखों लोगों की जान बचाई गई है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे निरंतर सुरक्षित स्वच्छता प्रथाओं को सक्षम करने के लिए अपने प्रयासों में नई ऊर्जा का संचार करें और हर घर तक पाइप जलापूर्ति की व्यवस्था के लिए अपने प्रयासों का विस्तार करें।
जल शक्ति मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने भी झारखंड राज्य को ओडीएफ बनाने में विभिन्न हितधारकों द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की और दोहराया कि देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर, 2019 तक भारत को ओडीएफ बनाने के लिए सही मार्ग पर है।
डीडीडब्ल्यूएस के सचिव श्री परमेस्वरन अय्यर ने जनसमूह को संबोधित करते हुए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का विवरण साझा किया। कार्यक्रम के दौरान झारखंड राज्य सरकार के मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन अभियान – ‘चुप्पी तोड़ो – स्वस्थ रहो’ पर एक पुस्तिका का विमोचन किया गया और एक फिल्म दिखाई गई, जबकि जमीनी स्तर के अधिकारियों ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का हिस्सा होने के अपने अनुभवों को साझा किया। इसके बाद स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों के लिए एक पुरस्कार समारोह का भी आयोजन किया गया।