लखनऊः अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि पारदर्शी व्यवस्था के तहत विभागीय क्रियाकलापों को आगे बढ़ाया जाय। जेम पर विक्रय के लिए हस्तशिल्पियों एवं उद्यमियों से खरीदे जाने वाले उत्पादों को चिहिन्त किया जाय। टेण्डर प्रक्रिया के आधार पर आपूर्तिकर्ता की अंतरिम रेट लिस्ट बनाई जाय। इससे लेने-देन में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
डा0 सहगल लोकभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में यू0पी0 हैण्डलूम एवं यूपिका की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यू0पी0 हैण्डलूम एवं यूपिका में केवल दो बैंक खाते होने चाहिए। पहला कलेक्शन एकाउन्ट होगा तथा दूसरा हैण्डलूम का खाता होगा। इनका समय-समय पर आडिट भी कराया जाये। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष यू0पी0 हैण्डलूम के माध्यम 51 करोड़ की बिक्री की गई थी, जिसको बढ़ाया जाय।
अपर मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि पीपीपी आधार पर किराये पर दिये शो-रूम समीक्षा की जाय। यदि कोई शोरूम सर्किल रेट से कम है, तो उसका पुनः टेण्डर किया जाय। किसी भी हाल में दुकानों का आवंटन सर्किल रेट से कम नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि दोनों विभागों में जितने मुकदमें चल रहे हैं, उनकी सूची तैयार कराई जाय। जहां समझौते की संभावना हो, उसका प्राथमिकता से निस्तारण सुनिश्चित किया जाय।