नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने स्टार्टअप कंपनियों के संदर्भ में करनिर्धारण की प्रक्रिया को सरल बनाया है।
ऐसे मामलों में जहां स्टार्टअप कंपनियों के कर निर्धारण की जांच प्रक्रिया लंबित है, सीबीडीटी ने निर्णय लिया है कि:
- डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप कंपनियां जिन्होंने फॉर्म नंबर 2 दाखिल है और जिनके मामले धारा 56 (2) (वीआईआईबी) की उपयुक्तता के एकल मुद्दे पर “सीमित जांच” के तहत हैं, ऐसी कंपनियों के दावों को संक्षिप्त रूप में स्वीकार किया जाएगा।
- डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप कंपनियां जिन्होंने फॉर्म नंबर 2 दाखिल किया है और जिनके मामले धारा 56(2)(viib) की उपयुक्तता समेत विभिन्न मुद्दों पर “सीमित जांच” के तहत हैं, कर निर्धारण प्रक्रिया के तहत इस मामले की जांच नही की जाएगी और निरीक्षण प्राधिकरण से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद कर-निर्धारण अधिकारी द्वारा अन्य मामलों की जांच की जाएगी।
- डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप कंपनियों के मामले में, जिन्होंने फॉर्म नंबर 2 दाखिल नही किया है और जिनके मामलों को जांच के लिए चुना गया है, निरीक्षण प्राधिकरण से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद कर-निर्धारण अधिकारी द्वारा ऐसे मामलों की जांच की जाएगी।
उपरोक्त के अलावा, केंद्र सरकार ने डीपीआईआईटी अधिसूचना संख्या 127 (ई) दिनांक 19.02.2019 के पैरा-6 को शिथिल करने का निर्णय लिया है और यह स्पष्ट किया है कि यह अधिसूचना वैसी स्टार्टअप कंपनियों पर भी लागू होगी जहां धारा 56(2)(viib) के तहत संकलन (जोड़) किया गया है तथा निर्धारिती को डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता दी गई है और निर्धारिती ने बाद में फॉर्म नंबर 2 दाखिल किया है। इस आशय की अधिसूचना www.incometaxindia.gov.in पर सीबीडीटी के एफ.नं. 173/149/2019-आईटीए-1 के द्वारा दिनांक 8 अगस्त, 2019, को अपलोड की गई है।