नई दिल्ली: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अध्यक्ष श्री एम. अजीत कुमार ने आज यहां पूरे भारत में 500 से भी अधिक सीजीएसटी और सीमा शुल्क कार्यालयों में ई-ऑफिस एप्लीकेशन का शुभारंभ किया। ई-ऑफिस एप्लिकेशन को सीबीआईसी के 800 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में दूरस्थ रूप से लॉन्च किया गया। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की महानिदेशक डॉ. नीता वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
50,000 से भी अधिक अधिकारी और कर्मचारी इस एप्लिकेशन का उपयोग करेंगे जिससे सीबीआईसी अपने यहां आंतरिक कार्यालय प्रक्रियाओं को स्वचालित या स्वत: (ऑटोमैटिक) करने वाले सबसे बड़े सरकारी विभागों में से एक बन जाएगा।
ई-ऑफिस का शुभारंभ दरअसल आंतरिक कार्यालय प्रक्रियाओं में एक आमूलचूल बदलाव को दर्शाता है जो अब तक फाइलों और कागजातों को कर्मचारियों (मैनुअल) द्वारा एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने पर आधारित रही हैं। सीबीआईसी को उम्मीद है कि ‘ई-ऑफिस’ उसके उन कई अन्य आईटी आधारित सुधारों का पूरक होगा जिनका उद्देश्य सीधे तौर पर व्यापार और उद्योग जगत के लिए ‘कारोबार में सुगमता’ को बढ़ाना है।
ई-ऑफिस का शुभारंभ दरअसल करदाताओं को ‘फेसलेस (उपस्थिति या भेंट रहित), कॉन्टैक्टलेस (संपर्क रहित) और पेपरलेस (कागज रहित)’ अप्रत्यक्ष कर प्रशासन सुलभ कराने हेतु प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए सीबीआईसी द्वारा किया गया एक और अहम उपाय है।
ई-ऑफिस एप्लिकेशन एनआईसी द्वारा विकसित किया जाता है और प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा इसमें सहयोग दिया जाता है। ई-ऑफिस का उद्देश्य फाइलों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और सरकार के भीतर फैसले लेने की आंतरिक प्रक्रियाओं को स्वचालित या स्वत: करके शासन (गवर्नेंस) में बेहतरी सुनिश्चित करना है। ई-ऑफिस एप्लिकेशन का मुख्य मॉड्यूल ‘ईफाइल’ दरअसल डाक प्राप्त करने एवं चिह्नित करने से लेकर फाइल के संचालन, मसौदा पत्र तैयार करने, इसके अनुमोदन/हस्ताक्षर और हस्ताक्षरित पत्र का प्रेषण करने तक के फाइल संबंधी ऑनलाइन कार्यों को सक्षम करता है।
सीजीएसटी और सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा अपने दिन-प्रतिदिन के कामकाज में ई-ऑफिस का उपयोग तेजी से निर्णय लेने, पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ाने के साथ-साथ कागज के उपयोग एवं मुद्रण में कमी करके पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने में भी मददगार साबित होगा। कोविड-19 के कारण उत्पन्न वर्तमान चुनौतीपूर्ण स्थिति में ई-ऑफिस की विशेष प्रासंगिकता यह है कि यह कागजी स्वरूप वाली फाइलों के संपर्क में आने से बचने में मदद करेगा जिससे किसी भी वायरस के संभावित संचरण या संक्रमण को रोका जा सकेगा। इसके अलावा, ई-ऑफिस अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है क्योंकि इसका उपयोग करने से किसी भी फाइल या दस्तावेज में अनुचित फेरबदल करना या इसे नष्ट करना अथवा पिछली तारीख (बैकडेट) डालना संभव नहीं है। इसमें अंतर्निहित निगरानी व्यवस्था से यह पता लगाया जा सकता है कि फाइलें कहां अटकी या रुकी पड़ी हैं जिससे फाइलों का त्वरित निपटान और तेजी से निर्णय लेना संभव हो पाएगा।
ई-ऑफिस दरअसल भारत में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस के तहत एक मिशन मोड प्रोजेक्ट (एमएमपी) है।