जीएसटी 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया एक ऐतिहासिक कर सुधार है। पिछले कुछ वर्षों में जीएसटी की दरों में कमी आई है, प्रक्रियाओं का सरलीकरण हुआ है और बढ़ती अर्थव्यवस्था ने भी कर आधार में बड़ी तेजी से वृद्धि की है। जीएसटी राजस्व में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है और यह लगातार आठ महीनों से 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से ज्यादा रहा है। जीएसटी के 4 साल पूरे होने की पूर्व संध्या पर उन करदाताओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है जो जीएसटी की सफलता की गाथा का हिस्सा रहे हैं।
अत: इसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा उन करदाताओं की पहचान करने के लिए डेटा विश्लेषण किया गया, जिन्होंने समय पर रिटर्न दाखिल करने के साथ-साथ नकद में जीएसटी के भुगतान में व्यापक योगदान किया है। इसके परिणामस्वरूप 54,439 करदाताओं की पहचान की गई है। इनमें से 88% से भी अधिक करदाता सूक्ष्म (36%), लघु (41%) और मध्यम उद्यमों (11%) से जुड़े हुए हैं, जो सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति में शामिल अनेक सेक्टरों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसा कि नीचे बताया गया है:
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | जीएसटीआईएन की गिनती |
महाराष्ट्र | 15131 |
कर्नाटक | 7254 |
तमिलनाडु | 5589 |
हरियाणा | 3459 |
पश्चिम बंगाल | 2977 |
तेलंगाना | 2863 |
राजस्थान | 2527 |
उत्तर प्रदेश | 2179 |
गुजरात | 2162 |
पंजाब | 1709 |
मध्य प्रदेश | 1694 |
केरल | 1385 |
दिल्ली | 1163 |
उत्तराखंड | 895 |
असम | 583 |
बिहार | 551 |
आंध्र प्रदेश | 516 |
गोवा | 436 |
चंडीगढ़ | 361 |
छत्तीसगढ़ | 192 |
दादरा और नगर हवेली | 181 |
ओडिशा | 128 |
त्रिपुरा | 104 |
झारखंड | 96 |
मेघालय | 88 |
हिमाचल प्रदेश | 60 |
पांडिचेरी | 47 |
सिक्किम | 44 |
जम्मू-कश्मीर | 32 |
मिजोरम | 24 |
अरुणाचल प्रदेश | 2 |
नगालैंड | 2 |
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | 2 |
मणिपुर | 1 |
लक्षद्वीप द्वीपसमूह | 1 |
लद्दाख | 1 |
कुल योग | 54,439 |
वैसे तो यह व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है कि राष्ट्र लाखों ईमानदार करदाताओं द्वारा किए जाने वाले कर भुगतान के जरिए जुटाए गए राजस्व से ही विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों एवं कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास पर खर्च करने संबंधी अपने दायित्वों को पूरा करता है, लेकिन यह कदम सरकार द्वारा जीएसटी करदाताओं के योगदान के लिए उनसे सीधे संवाद करने का पहला प्रयास है। इसकी विशिष्ट सराहना किए जाने के रूप में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड इन करदाताओं को प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी करेगा। वस्तु और सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) विभिन्न करदाताओं को प्रशंसा प्रमाणपत्र ई-मेल द्वारा भेजेगा। करदाता इन प्रमाणपत्रों को प्रिंट और प्रदर्शित कर सकेंगे।
सरकार करदाता सेवाओं में निरंतर सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और सभी करदाताओं की ओर से स्वैच्छिक अनुपालन और एक मजबूत एवं सुदृढ़ भारत के लिए राष्ट्र के विकास में योगदान देने के लिए उनका सहयोग चाहती है।