नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने प्रसार भारती की ‘’प्रसारण बुनियादी ढांचा और नेटवर्क विकास’’ योजना के सम्बन्ध में 1054.52 करोड़ रुपये की लागत से सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रस्ताव को आज अपनी मंजूरी दे दी। यह योजना 2017-18 से 2019-20 तक, तीन वर्ष की अवधि की होगी। योजना के लिए मंजूर 1054.52 करोड़ रुपये में से 435.04 करोड़ रुपये की राशि आकाशवाणी की वर्तमान में चल रही योजनाओं के लिए मंजूर की गई तथा 619.48 करोड़ रुपये की राशि को दूरदर्शन की योजनाओं के लिए मंजूरी दी गई है। आकाशवाणी और दूरदर्शन की वर्तमान में चल रही योजनाएं कार्यान्वयन की विभिन्न अवस्थाओं में हैं और इन्हें विभिन्न चरणों में पूरा किया जाना है।
स्टूडियो में वर्तमान उपकरणों/सुविधाओं के आधुनिकीकरण के लिए प्रावधान किए गए हैं जो वर्तमान गतिविधियों को जारी रखने और दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई और कोलकाता में हाई डेफिनेशन टेलीविजन (एचडी टीवी) ट्रांसमीटरों के लिए आवश्यक है। 19 स्थानों पर डिजिटल टेरेस्ट्रियल ट्रांसमीटरों (डीटीटी) को स्थापित करने और 39 स्थानों पर स्टूडियो का डिजिटलीकरण करने, 15 स्थानों पर डीएसएनजी (डिजिटल सेटलाइट न्यूज गैदरिंग) वैनों और 12 स्थानों पर अर्थ स्टेशनों के आधुनिकीकरण को भी मंजूरी दे दी गई है। मंत्रिमंडल ने ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश से दूरदर्शन का अरुण प्रभा चैनल शुरू करने की भी मंजूरी दे दी ताकि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके। इसके अलावा, देश के विभिन्न राज्यों में वितरण के लिए 1,50,000 डीटीएच सैटों की भी मंजूरी दी गई है जिससे सीमा पर, सुदूरवर्ती, जनजातीय और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों में लोगों को दूरदर्शन के डीटीएच कार्यक्रम देखने में मदद मिलेगी।
योजना में आकाशवाणी के लिए 206 स्थानों पर एफएम के विस्तार, 127 स्थानों पर स्टूडियो के डिजिटलीकरण की व्यवस्था की गई है। एफएम के विस्तार कार्यक्रम से देश की 13 प्रतिशत अतिरिक्त आबादी को आकाशवाणी के कार्यक्रम सुनने का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, 10 किलोवाट क्षमता वाले एफएम ट्रांसमीटरों को भारत-नेपाल सीमा तथा जम्मू-कश्मीर सीमा पर स्थापित किया जाएगा। इससे सीमावर्ती इलाकों पर रेडियो और दूरदर्शन की कवरेज में महत्वपूर्ण सुधार होगा।