नई दिल्ली: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को 7 अगस्त, 2017 को मोनसेंटो कंपनी के अपने प्रस्तावित अधिग्रहण के संबंध में बेयर एकटीनजेसेलशैफ्ट (बेयर) की ओर से एक नोटिस प्राप्त हुआ था। अधिग्रहणकर्ता बेयर एक जर्मन स्टॉक कॉरपोरेशन है और इसके साथ ही एक जीवन विज्ञान (लाइफ साइंस) कंपनी है, जिसे स्वास्थ्य सेवा और कृषि क्षेत्रों में दक्षता हासिल है। बेयर अपनी कारोबारी गतिविधियां तीन मुख्य प्रभागों (डिवीजन) यथा फार्मास्यूटिकल्स, उपभोक्ता स्वास्थ्य और फसल विज्ञान के जरिये करती है। मोनसेंटो कृषि उत्पादों जैसे कि बीजों, जैव प्रौद्योगिकी लक्षण या विशिष्टताओं और जड़ी-बूटी की एक वैश्विक आपूर्तिकर्ता है।
अपनी जांच के आधार पर आयोग की यह राय थी कि प्रस्तावित विलय या अधिग्रहण से भारत के कुछ बाजारों में प्रतिस्पर्धा पर अत्यंत प्रतिकूल असर पड़ सकता है, लेकिन प्रस्तावित विलय में संशोधनों के जरिये इस असर को खत्म किया जा सकता है। तदनुसार, आयोग ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 31(7) के तहत प्रस्तावित विलय को मंजूरी दी, जिसके तहत संबंधित पक्षों द्वारा निम्नलिखित उपायों को लागू करना होगा:-
- बेयर के निम्नलिखित व्यवसायों को एक ऐसे स्वतंत्र निकाय के हवाले करना होगा, जो आयोग के आदेश में निर्धारित पैमानों पर खरा उतरेगा:
- ग्लूफोसिनेट अमोनियम (एक गैर-चुनिंदा जड़ी-बूटी)
- कपास और मक्का के फसल लक्षण
- सब्जियों के संकर (हाइब्रिड) बीज
- महाराष्ट्र हाइब्रिड सीड कंपनी लिमिटेड (26%) में मोनसेंटो की अंशभागिता एक ऐसे स्वतंत्र निकाय को सौंप देना जो आयोग के आदेश में निर्धारित पैमानों पर खरा उतरेगा।
बेयर को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह अपनी सभी भारतीय वेबसाइटों पर समस्त संपर्क (कांटैक्ट) विवरण उपलब्ध कराए, ताकि आयोग के आदेश में उल्लिखित उपायों पर अमल करने में सुविधा हो सके।
आयोग के आदेश में उल्लिखित उपायों से भारत में कृषि संबंधी कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता मजबूत होंगे, नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और किसानों के हित में नए उत्पादों को पेश किया जा सकेगा।
संशोधनों एवं अन्य विवरण के कानूनन बाध्यकारी मूल पाठ से अवगत होने के लिए कृपया निम्नलिखित वेबसाइट पर जाएं
https://www.cci.gov.in/sites/default/files/Notice_order_document/Order_14.06.2018.pdf