लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एण्ड सिस्टमस (सी0सी0टी0एन0एस0) योजना के
तहत थानों की कार्यप्रणाली को पेपरलेस बनाने के प्रयास तेज किये जायें। उन्होंने कहा कि योजना के तहत प्रदेश के सभी थानों एवं पुलिस विभाग की विभिन्न इकाइयों को आपस में इण्टरनेट के माध्यम से यथाशीघ्र जोड़ा जाये। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्थित 1523 पुलिस थानों में से 1456 पुलिस थानों को सी0सी0टी0एन0एस0 योजना से जोड़ते हुये आॅनलाइन एफ0आई0आर0 पंजीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ करा दी गयी है, जिसके तहत अभी तक प्रदेश में वर्ष 2015 में तीन लाख पचास हजार से अधिक तथा वर्ष 2016 में अब तक सत्तर हजार से अधिक प्रथम सूचना रिपोर्ट आॅनलाइन पंजीकृत करायी जा चुकी हैं। एफ0आई0आर0 के साथ-साथ साफ्टवेयर के माध्यम से क्राइम डिटेल, अरेस्ट फार्म, सीजर फार्म, चार्ज शीट और फाइनल रिपोर्ट भी दर्ज की जा रही है। उन्होंने निर्देश दिये कि अवशेष पुलिस थानों द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट के आॅफलाइन पंजीकरण का कार्य कैस साफ्टवेयर के माध्यम से किया जा रहा है, उनमें भी कनेक्टिीविटी उपलब्ध कराकर आॅनलाइन यथाशीघ्र कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि योजना के निर्बाध रूप से संचालन हेतु कम्प्यूटर आॅपरेटरों की भर्ती यथाशीघ्र पारदर्शिता के साथ पूर्ण करायी जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में सी0सी0टी0एन0एस0 योजना की स्टेट एपेक्स कमेटी की बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने इस योजना के तहत किये जा रहे कार्यों की आज विस्तार से समीक्षा करते हुये अवशेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि आपस में समन्वय कर ई-थाना को स्थापित करने में विधिक कार्यवाही करंे, ताकि आम जनता को ई-एफ0आई0आर0 की सुविधा उपलब्ध हो सके। ई-एफ0आई0आर0 का विकल्प प्राप्त होने पर आम जनता अपने घर से एफ0आई0आर0 पंजीकृत करा सकेगी। ई-एफ0आई0आर0 की सूचना की अद्यतन स्थिति से ई-मेल के माध्यम से आवेदक को अवगत कराया जायेगा।
प्रमुख सचिव गृह श्री देवाशीष पण्डा ने बताया कि इस योजना के तहत 2203 स्थानों पर कनेक्टीविटी उपलब्ध करायी जानी थी, जिसके सापेक्ष 2052 स्थानों पर कनेक्टीविटी उपलब्ध करा दी गयी है। योजना के तहत शत-प्रतिशत हार्डवेयर की उपलब्धता सुनिश्चित करा दी गयी हैै। इस योजना के तहत योजना भवन लखनऊ में राज्य स्तरीय डाटा सेण्टर तथा डाटा रिकवरी सेण्टर एन0आई0सी0 पुणे में बनाया जाना था, जिसका कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। इस योजना में डाटा डिजिटलाइजेशन के तहत 23,56,299 रिकाॅर्डस को डिजिटलाइज कर शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया है, इसमें से 9,85,537 रिकाॅर्डस का सत्यापन पुलिस कर्मियों द्वारा किया जा चुका है। इस योजना के बारे में पुलिस कर्मियों एवं जन सामान्य को जानकारी एवं आवश्यक प्रशिक्षण दिये जाने का कार्य 89 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है।
पुलिस महानिदेशक श्री जावीद अहमद ने बताया गया कि आम जनता की खोई हुई वस्तु का पंजीकरण कराने हेतु लोस्ट आर्टिकल रिपोट्र्स एप तैयार कराया गया है, जहां रिपोर्ट का पंजीकरण कर प्रिण्ट प्राप्त किया जा सकता है। थानों पर दर्ज एफ0आई0आर0 को आम नागरिक के द्वारा उ0प्र0 पुलिस की वेबसाइट, स्मार्ट फोन पर देखा/डाउनलोड भी किया जा सकता है।
सचिव गृह श्री कमल सक्सेना ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का पैन कार्ड, मोबाइल, पासपोर्ट या ऐसा महत्वपूर्ण दस्तावेज गुम होता है, जिसकी सूचना थाने पर जाकर दिया जाना अनिवार्य हो, इसके लिये यू0पी0 पुलिस की वेबसाइट पर लास्ट आर्टिकल एप की सुविधा विकसित की गयी है, इसकी मान्यता थाने में दिये गये पत्र की भांति ही होगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत आॅनलाइन कार्यवाही किये जाने से तथ्यों को वर्गीकृत करने तथा एकीकृत रूप से देखने की व्यवस्था के कारण अपराधों के अनावरण एवं विश्लेषण में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि विवेचना कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विधि विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट को भी आॅनलाइन किये जाने की कार्यवाही तेजी से करायी जा रही है, ताकि इन कार्योंे से जुड़े अधिकारियों को उसका लाभ विवेचना कार्यों में मिल सके।