नई दिल्ली: देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत नेछोटे बच्चों को कट्टरपंथी बनाये जाने को लेकर चिंता जताई है. दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग 2020 में उन्होंने कहा है कि कट्टरपंथ के स्रोत पर कार्रवाई करने की ज़रूरत है. खासकर ऐसे में जबकि 10-12 साल के बच्चों को भी चरमपंथी बनाने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘कट्टरपंथ को का मुकाबला किया जा सकता है. हमने कश्मीर में ये देखा है. हम देख रहे हैं कि छोटे बच्चों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है. उन्हें पहचानने की जरूरत है. उन्हें ऐसे सेंटर में डालने की जरूरत है जहां वो इस रास्ते से वापस आ सके. भारतीय सेना कड़े कदम नहीं उठा रही है. पेलेट गन का इस्तेमाल एक गैर-घातक अभ्यास है. इसे संयम से इस्तेमाल किया जाता है.’
जड़ से खत्म करना होगा आतंक
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने आतंकवाद के प्रायोजक देशों के खिलाफ सख्त वैश्विक कार्रवाई की मांग की और कहा कि इससे निर्णायक ढंग से निपटना होगा . इसके अलावा आतंक की जड़ पर प्रहार करना होगा. अपनानी होगी अमेरिका की नीति
‘रायसीना डायलॉग’ को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए बेहद कड़ा रुख अपनाने की जरूरत है, उसी तरह जिस तरह 9/11 आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की थी.
पाकिस्तान पर निशानापरोक्ष रूप से पाकिस्तान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब तक आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देश हैं, तब तक हमें इस खतरे का सामना करते रहना होगा. हमें इससे निर्णायक ढंग से निपटना होगा और इसकी जड़ पर वार करना होगा.’ जनरल रावत ने कहा, ‘अगर हमें लगता है कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध खत्म होने वाला है, तो हम गलत हैं.’ Source
भाषा इनपुट के साथ & News18