इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर, जिन्होंने 15 अक्टूबर 2020 को अपना 78वां कोर दिवस मनाया, भारतीय सेना के उपकरणों एवं हथियार प्रणालियों की संपूर्ण रेंज को पूर्ण जीवन चक्र, डिजाइन के स्तर से लेकर हटाये जाने तक, के दौरान एकीकृत इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करते हुए प्रौद्योगिकी और नवाचार की शक्ति का दोहन करके सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए के लिए जिम्मेदार है।
ईएमई कोर ने विभिन्न क्षेत्रों में नई ऊंचाइयां हासिल की है और युद्ध के दौरान मुकाबले में प्रभावशीलता बढ़ाने में एक गुणक शक्ति साबित हुआ है। इस कोर ने कोविड-19 महामारी के दौरान वेंटीलेटर सहित महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों को मिशन की तैयारी जैसी स्थिति में रखते हुए अपनी उपयोगिता साबित की है। कोर ने कई नवाचार विकसित किये जिन्होंने कोविड-19 से लड़ने के राष्ट्रीय प्रयास में योगदान दिया है।
यह कोर हमेशा भारतीय सेना में एडवेंचर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में आगे रहा है। इसने पर्वतारोहण, स्काई डाइविंग, नौकायन, गर्म पानी के गुब्बारे, पैरा नौकायन, हैंग ग्लाइडिंग, स्कीइंग, राफ्टिंग, कैनोइंग और अंटार्कटिका की खोज के क्षेत्र में जबरदस्त गति दी है। पदमश्री पुरस्कार विजेता मिल्खा सिंह, जिन्हें उड़न सिख के रूप में भी जाना जाता है, ने तीन ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। कर्नल जे. के. बजाज, वीएसएम, एसएम ने पर्वतारोहण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। हाल ही में लेफ्टिनेंट कर्नल भारत पन्नू ने ‘वर्चुअल रेस एक्रॉस अमेरिका’ जीता, जबकि लेफ्टिनेंट कर्नल विशाल अहलावत, जो कि एक मैराथन धावक हैं, ने विभिन्न हाफ मैराथन प्रतियोगिताओं में कई रिकॉर्ड बनाकर प्रशंसा हासिल की है।
ईएमई कोर हमेशा समय की मांग के अनुरूप भारतीय सेना की अभियान संबंधी तैयारियों को उच्चतम स्तर पर बनाये रखने के लिए तत्पर रही है। यह सैन्य शिल्पकार विदा ले चुके अपने बांधवों को पूरी तरह से वचन देता है कि कोर उनकी विरासत को बनाए रखेगा और देश को गौरव दिलाएगा।