लखनऊ: प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कृषि क्षेत्र में उत्तर प्रदेश द्वारा किये जा रहे नये-नये प्रयोग की देश के अन्य प्रदेशों द्वारा सराहना की जा रही है और वे इनका अनुकरण करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, रहमानखेड़ा को सेंटर आॅफ एक्सीलेन्स के रूप में अपग्रेड करने हेतु कृषक छात्रावास, अधिकारी छात्रावास, माड्यूलर किचन एवं स्मार्ट क्लास बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान की क्षमता के विकास से अधिकारियों की क्षमता का विकास होगा और अधिकारियों की क्षमता का विकास होगा, तो प्रशिक्षणार्थी किसान की भी क्षमता का विकास होगा।
कृषि मंत्री आज रहमानखेड़ा स्थित राज्य कृषि प्रबंध संस्थान में कृषि विभाग के अधिकारियों के लिये आयोजित एकदिवसीय अभिनवीकरण कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला अधिकारियों को समसामयिक विषयों पर जागरूक करने में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी। साथ ही इस तरह के अभिनवीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम समय-समय पर संस्थान द्वारा आयोजित किये जाने चाहिए। कार्यशाला में एफ0पी0ओ0 (फाॅर्मर प्रोड्यूसर आॅर्गनाइजेशन) के माध्यम से किसानों को स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि एफ0पी0ओ0 की अवधारणा का मूल उद्देश्य किसानों के अंदर व्यवसायिक भावना जागृत करना है।
प्रमुख सचिव, कृषि ने कार्यशाला के दौरान कृषि के क्षेत्र में शासन की प्राथमिकताओं के आलोक में मानव संसाधन विकास तथा ज्ञान के नवीनीकरण हेतु संस्थान से अपेक्षाओं पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि आज के युग में तकनीकी जानकारी एवं तकनीकी ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिये आवश्यक है कि कनिष्ठ कार्मिकों के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों को भी समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाय। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कृषि विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षण देना एवं अधिकारियों के माध्यम से प्रदेश के किसानों को कृषि के विभिन्न क्षेत्र में जागरूक करना है।
कार्यशाला में कृषि खाद्य उत्पादों में कीटनाशकों का अवशेष की अधिकतम अनुमन्य सीमा पर भी व्याख्यान दिया गया। इसके उपरांत मण्डी निदेशक, श्री आर0के0 पाण्डेय द्वारा राष्ट्रीय कृषि विपणन (ई-नाम) के माध्यम से कृषि उत्पादों के आॅनलाईन विपणन की व्यवस्था पर जानकारी दी गयी।