देश भर में टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण के सातवें दिन आज केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने असम के गुवाहाटी में विभिन्न टीकाकरण केंद्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने नागरिकों का हाल जाना और उनसे पूछा कि क्या टीकाकरण चाहने वालों की तरफ से कोई सुझाव है या कुछ और जो कि उनके लिए आधिकारिक स्तर पर या सामाजिक स्तर पर अनौपचारिक रूप से किया जा सके।
सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉ. जितेंद्र सिंह ने टीकाकरण अभियान में लगे मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ बातचीत की। बाद में सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. ए. सी. बैश्य के नेतृत्व में वरिष्ठ डॉक्टरों ने उन्हें जानकारी दी।
नागरिकों के साथ बातचीत के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का निर्देश था कि न केवल टीकाकरण अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया जाना चाहिए, बल्कि हमें इसे आसान भी बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जबकि सरकार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है, सामाजिक संगठन विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीकाकरण प्रक्रिया को आरामदायक और सुविधाजनक बनाने में योगदान दे सकते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अपनी 130 करोड़ आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है, लेकिन साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की इच्छा है कि इसे किसी भी नागरिक को कम से कम असुविधा के साथ आगे बढ़ाया जाए।
डॉ. जितेंद्र सिंह को बताया गया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज गुवाहाटी के माध्यम से 4,000 से 5,000 नागरिकों को टीका का पहली खुराक दी गई है जबकि लगभग 900 लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक भी दी गई है। उन्हें शहर के अन्य टीकाकरण केंद्रों और इस उद्देश्य के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में भी बताया गया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने टीकाकरण केंद्र में विभिन्न हिस्सों का जायजा लिया। उन्होंने विजिटिंग क्षेत्र के साथ-साथ टीकाकरण कराने वाले व्यक्ति के 30 मिनट के अनिवार्य ऑब्जर्वेशन के लिए बने होल्डिंग एरिया का भी दौरा किया। जबकि उन्हें होल्डिंग एरिया में की गई चाय की व्यवस्था के बारे में बताया गया, तब उन्होंने हल्के स्नैक्स आदि की व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया क्योंकि कुछ नागरिक, विशेष रूप से गंभीर बीमारी से पीड़ित मसलन, डायबिटीज-मेलिटस आदि के मरीजों के लिए इसकी जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक स्थायी व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता है।