केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने आज 11 पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों: अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
स्वास्थ्य सचिव ने बैठक के आरम्भ में रेखांकित किया कि:
ए) राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 18+ आयु वर्ग के लोगों को पहली खुराक अति शीघ्र उपलब्ध कराने करने की आवश्यकता है।
बी) राज्यों को 60+ आयु वर्ग पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि इस श्रेणी के लोगों को टीके की दोनों खुराक देने का काम असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मेघालय में असंतोषजनक है। इस आयु वर्ग के लिए कोविड-19 के संकट के कारण इस वर्ग के लोगों पर टीकाकरण को प्रमुख रूप से महत्व देना है।
सी) राज्यों का ध्यान इस तथ्य की ओर दिलाया गया कि पहली खुराक देने के बाद दूसरा टीका लगाने का समय निर्धारित समय से अधिक हो गया है। यह सुझाव दिया गया था कि राज्य इन लाभार्थियों के लिए खुराक देने के निर्धारित दिनों और टीका लगाने का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित करें।
राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों में 0.5 एमएल की सिरिंज का क्षेत्र-वार बचा हुआ स्टॉक, विशेष समूहों (ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, दिव्यांग व्यक्तियों, पीडब्ल्यूआई और कैदियों) के बीच टीकाकरण कवरेज, विशेष रूप से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज के विवरण पर भी चर्चा की गई।
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई कि वे राज्य वैक्सीन स्टोर से कोल्ड चेन प्वाइंट तक स्टॉक की बारीकी से निगरानी करें, तर्कसंगत वितरण की जांच करें और वैक्सीन की बर्बादी को 2 प्रतिशत से कम तक सीमित रखें, दैनिक आधार पर ईवीआईएन (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) पर डेटा अपडेट करें, कोविड टीकाकरण के लिए उपलब्धता के अनुसार अन्य वर्ग की सीरिंज (0.5 एमएल/ 1 एमएल/ 2 एमएल/3 एमएल ऑटो डिसेबल/री-यूज प्रिवेंशन सीरिंज (आरयूपी)/डिस्पोजेबल) की आपूर्ति की जांच करें।