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केन्द्रीय कृषि मंत्री ने खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के महानिदेशक श्री जोस ग्रेजियानो से मुलाकात की

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के सम्मेलन से अलग खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक श्री जोस ग्रेजियानो डा सिल्वा से मुलाकात की। बैठक के दौरान उन्होंने श्री डा सिल्वा को खाद्य एवं कृषि संगठन का दोबारा महानिदेशक चुने जाने पर बधाई दी।

दोनों पक्षों ने कृषि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रयास करने पर भी सहमति व्यक्त की। श्री सिंह ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा और सतत् कृषि विकास के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न देशों की मदद करने में खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा किये गये कार्य की सराहना की। खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक ने कृषि क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की प्रशंसा की।

श्री सिंह ने भारतीय किसानों की, विशेष रूप से सिंचाईं के क्षेत्र में, स्थिति सुधारने, किसानों के वित्तीय समावेश, किसाने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसानों के लिए लाभ के बेहतर लक्ष्यों के लिए सरकार द्वारा किये गये प्रयासों के बारे में जानकारी दी। अपने सभी किसानों को 140 मिलियन मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने की भारत की विशाल योजना की श्री डा सिल्वा ने प्रशंसा की और कहा कि एफएओ द्वारा 2016 को अंतर्राष्ट्रीय मृदा वर्ष के रूप में घोषित करने के संदर्भ में यह दूसरे देशों के लिए भी एक आदर्श हो सकता है। एफएओ ने भारत को अगस्त 2015 में बैंकॉक में आयोजित होने वाले एफएओ के सम्मेलन में इस कार्यक्रम पर अपना प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया।

एफएओ ने भारत के गोकुल मिशन के माध्यम से देशी प्रजाति के पशुओं के संरक्षण और संवर्धन में शामिल होने और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने पर भी सहमति व्यक्त की। दोनों पक्ष भविष्य में भारत और एफएओ के मध्य समृद्ध इतिहास में सहयोग को और मजबूत बनाने पर भी सहमति जताई।

श्री सिंह ने इस्लामिक गणराज्य ईरान के कृषि मंत्री श्री महमूद होज्जाटी से कल रोम में मुलाकात की। बैठक के दौरान दोनों पक्ष कृषि, विशेष रूप से चावल, गेहूं, तिलहन सहित आपसी हितों की विभिन्न जिन्सों के व्यापार में बढ़ोतरी करने, आपसी क्षमता निर्माण, मत्स्य पालन में तकनीकी सहयोग, बीज और चारे के विकास में सहयोग आदि के बारे में सहयोग बढ़ाने के प्रयास करने पर रजामंद थे। इस बात पर भी सहमति व्यक्त की गई कि दोनों देशों के मध्य कृषि के क्षेत्र में सहयोग में सुधार लाने हेतु संस्थागत ढांचा स्थापित करने के लिए प्रयास किये जाएंगे।

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