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केन्द्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से संचालित दुधारू पशुधन विकास

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की घोषणा के अनुपालन में जनपद बरेली, तहसील बहेड़ी के ग्राम मुड़िया मुकर्ररमपुर में 3692.50 लाख रुपये की लागत से पशु उत्थान वर्ण संकर केन्द्र की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। माह नवम्बर, 2016 तक इस केन्द्र को क्रियाशील किया जाना लक्षित है। इस केन्द्र के माध्यम से साहीवाल, गंगातीरी, थारपारकर, हरियाना जैसे स्वदेशी एवं जर्सी एवं एच0एफ0 मादाओं उच्च गुणवत्तायुक्त भ्रूण (इम्ब्रीयो) प्राप्त कर उन्नत स्वदेशी संतति का विकास किया जाना है। इस केन्द्र को भ्रूण प्रत्यारोपण प्रशिक्षण केन्द्र के रुप में विकसित कर इस तकनीक के प्रयोग को जनपद स्तर तक विस्तार प्रदान करना है। इस तकनीक का प्रयोग कर अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्रों हेतु उच्च जनन क्षमता के सांडों का उत्पादन भी लक्षित है।
यह जानकारी उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 बी0बी0एस0 यादव ने दी। उन्होंने बताया कि चक-गजरिया (लखनऊ) स्थित अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र की रहमानखेड़ा (लखनऊ) में पुर्नस्थापना हेतु आवश्यक निर्माण कार्यों को पूर्ण कराते हुए 140 साॅड़ों की क्षमता का अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र रहमानखेड़ा (लखनऊ) में क्रियाशील किया गया है, इसको ए श्रेणी के वीर्य उत्पादन केन्द्र के रूप में विकसित हेतु कार्य-योजना लागू की गई है। उन्होंने बताया कि चक गंजरिया प्रक्षेत्र (लखनऊ) स्थित भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला की पुर्नस्थापना निबलेट प्रक्षेत्र (बाराबंकी) में करने हेतु सम्बन्धित समस्त निर्माण कार्यों को पूर्ण करते हुए भ्रूण प्रत्यारोपण केन्द्र को क्रियाशील किया गया है।
डा0 बी0बी0एस0 यादव ने बताया कि नेशनल प्रोग्राम फार बोवाईन ब्रीडिंग का क्रियान्वयन कर प्रदेश में पशु प्रजनन सम्बन्धी अवस्थापना सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार किया जा रहा है। स्वदेशी पशुओं के संरक्षण, संम्वर्द्धन एवं विकास को बल प्रदान करने हेतु प्रदेश में राष्ट्रीय गोकुल मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत राजकीय पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्र, अराजीलाईन (वाराणसी) को गंगातीरी प्रजाति के संरक्षण, सम्वर्द्धन एवं विकास केन्द्र के रूप में विकसित करने हेतु 505.90 लाख रुपये की लागत से सुदृढ़ किया जा रहा है।
डा0 यादव ने बताया कि परिषद द्वारा सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट फार रिसर्च आफ बफैलो (हिसार), पं0 दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान, मथुरा से कुल 96 पशुचिकित्सकों को पशुपालन की नवीनतम तकनीकों तथा उत्तराखण्ड लाईवस्टाक डेवलपमेन्ट बोर्ड से 04 पशुचिकित्साधिकारियों को भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक में प्रशिक्षित कराया गया। इसके अतिरिक्त भदावरी भैंस एवं जमुनापारी बकरी प्रजनन प्रक्षेत्र, इटावा से एक पशुचिकित्साधिकारी को पशुधन प्रबन्धन में नेशनल डेयरी रिसर्च इन्स्टीट्यूट, करनाल से प्रशिक्षित कराया गया है। कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केन्द्रों के मूल्यांकन हेतु भारत सरकार द्वारा गठित केन्द्रीय मूल्यांकन इकाई से मूल्यांकन के उपरान्त प्रादेशिक कोपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पी0सी0डी0एफ0) के 06 केन्द्रों यथा- सी0डी0टी0आर0आई0 लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, रायबरेली, कानपुर, आगरा तथा पशुपालन विभाग के लखनऊ स्थित केन्द्र को अभिप्रमाणित कराया गया है।
डा0 यादव ने बताया कि राष्ट्रीय पशुधन बीमा को प्रदेश के चिन्हित 39 जनपदों में लागू करते हुए वर्ष 2015-16 में 190.85 लाख रुपये की धनराशि का उपयोग कर 32429 गौ एवं महिषवंशी पशुओं का बीमाकरण किया गया। बीमा कम्पनी द्वारा कुल 2305 पशु दावों के सापेक्ष 1854 दावों का निपटारा करते हुए 573.74 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति राशि पशुपालकों को उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि गौ एवं महिषवंशी नस्लों के सम्वर्द्धन हेतु गुणवत्तायुक्त निवेशों की तथा कामधेनु डेरी इकाईयों हेतु उच्च गुणवत्ता के वीर्य स्ट्राज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र, बाबूगढ़ (हापुड़), भारत सरकार की केन्द्रीय मूल्यांकन इकाई द्वारा ‘बी’ गे्रडेड एवं आई0एस0ओ0 9001ः2008 प्रमाणित तथा अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र, रहमानखेड़ा (लखनऊ) आई0एस0ओ0 9001ः2008 प्रमाणित संस्था है।

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