नई दिल्ली: सीमा शुल्क कानून, 1962 के अनुच्छेद 14 के अंतर्गत केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने आयात और निर्यात के आकलन के लिए भारतीय रुपये को विदेशी मु्द्रा में बदलने और कोरियाई तथा तुर्की की मु्द्रा को रुपये में बदलने के लिए विनिमय दर अधिसूचित की है। इस समय सीबीआईसी ने आयातित और निर्यातित वस्तुओं के मूल्य निर्धारण के लिए 20 मुद्राओं के लिए विनिमय दर अधिसूचित कर रखी है और अब उसने कोरियाई वॉन (डब्ल्यूओएन) और तुर्की की मुद्रा लीरा (टीआरवाई) को भी इन मुद्राओं की सूची में शामिल करने का फैसला किया है।
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच 2017-18 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 16.36 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो 2016-17 में 12.59 अरब डॉलर था। वर्ष 2017-18 के दौरान दक्षिण कोरिया का भारत के व्यापार सहयोगियों में आठवां स्थान था। साथ ही दक्षिण कोरिया के साथ भारत का व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) है। दोनों देशों के बीच व्यापार और बढ़ने की उम्मीद है। भारत और तुर्की के बीच 2017-18 के दौरान 7.2 अरब अमरीकी डॉलर का व्यापार हुआ। 150 से ज्यादा कंपनियों ने संयुक्त उद्यम, व्यापार और प्रतिनिधित्व कार्यालयों के रूप में भारतीय पूंजी के साथ तुर्की में व्यवसाय पंजीकृत कर रखा है।
सीबीआईसी द्वारा कोरियाई वॉन और तुर्की की मुद्रा लीरा को अधिसूचित करने से इन दोनों मुद्राओं को भारतीय रूपये में बदलने और भारतीय रुपये को इन मुद्राओं में बदलने की प्रक्रिया को आसान बनाकर व्यापार और व्यवसाय में वृद्धि होगी। इस पहल से निर्यातकों को मदद मिलने का अनुमान है, जो व्यापार निर्यात प्रोत्साहन योजना (एमईआईएस) के लाभ आसानी से ले सकेंगे, क्योंकि टीकेवाई और डब्ल्यूओएन की दरें प्रेक्षण की प्राप्ति की तारीख पर आसानी से उपलब्ध होंगी। कुल मिलाकर उम्मीद है कि इससे लेन-देन का खर्च कम होगा और ‘ईज ऑफ डूईंग’ बिजनेस बढ़ेगा, जिससे भारतीय, कोरियाई और तुर्की के व्यवसाय को लाभ मिलेगा।