नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड दरा असम में आयोजित रोंगली‘ महोत्सव कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों में कृषि विकास के
लिए समर्पित है। असम सहित समूचे पूर्वोत्तर राज्यों में कृषि विकास को बढावा देने के लिए कृषि एंव किसान कल्याण मंत्रालय ने विशेष पहल की है। असम में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रोंगली कार्यक्रम का आयोजन हमारे संकल्प को दर्शाता है। पूरे देश में जैविक खेती के विकास के लिए परम्परागत कृषि विकास योजना चलायी गयी है पर पूर्वोत्तर के लिए मोदी सरकार ने अलग से विशेष राशि उपलब्ध करायी है। हमारे मंत्रालय ने दिल्ली के पूसा स्थित आईएआरआई के समक्ष एक दूसरा असम के कमरुप जिले में स्थापित करने की स्वीकृति दी है। राज्य सरकार से जमीन हस्तांतरित कराने के लिए कई महीनों से प्रयासरत हैं। पूर्वोत्तर राज्यों के कृषि विज्ञान केन्द्रों के लिए एक गुवाहाटी में क्षेत्रीय कार्यालय भी इसी माह में स्थापित किया जाएगा। असम के दीमा हसायो जिले में नये केवीके के लिए जमीन की भी मांग राज्य सरकार से की है।हमारे यह प्रयास पूर्वोत्तर में कृषि विकास और किसान कल्याण के हमारे सकंल्प को दर्शाते हैं।
इस महोत्सव में असम सहित सम्पूर्ण पूर्वेत्तर क्षेत्र में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा देने के उद्देष्य से ‘कृषि एवं बागवानी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यह प्रदर्शनी पूर्वोत्तर क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए उद्यमियों, खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े लोगों, विपणकों, सरकारी संस्थानों, एजेंसियों एवं विभागों आदि को सांझा मंच प्रदान करेगी। श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि हाल ही में सिक्किम में जैविक खेती के संदर्भ में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी सहित देश के विभिन्न राज्यों में कृषि मंत्रियों और मंत्रालय के अधिकारियों सहित अनेक कृषि विशेषज्ञों ने भाग। जैविक खेती के मामले में पूर्वोत्तर के सिक्किम राज्य ने देश के दूसरे राज्यों के सामने एक मिसाल पेश की है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा समय-समय पर आयोजित किए जाने वाले हार्टि-फेअर ‘संगम‘ के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र के बागवानी उत्पाद भी देश के कोने-कोने में पहुंचते हैं और कई कृषि प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन कर किसानों में जागरूकता पैदा करते हैं।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्यों में खुले में क्षेत्र सीमा को 5 एकड़ से घटाकर 2.5 एकड़ कर दिया है और पाॅली हाऊस/नेट हाऊस के लिए क्षेत्र सीमा को 2500 वर्ग मीटर से घटाकर 1000 वर्ग मीटर किया है।हम मेगा सीड विलेज़ कार्यक्रम को बढ़ावा देकर किसानों की उपज एवं गुणवत्ता के साथ-साथ आमदनी में भी बढ़ोतरी करना चाहते हैं। श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि असम राज्य में तेल, प्राकृतिक गैस, चाय का अपार भंडार है और पर्यटन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहा है। राज्य में कृषि एवं बागवानी के विकास के लिए बेहद उपयोगी भरपूर पानी और आवश्यक वातावरण मौजूद है।राज्य में औसतन 2200 मिली लिटर वर्षा होती है। इसलिए राज्य के कई क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित रहते हैं, इसलिए वर्तमान सरकार किसान भाईयों को परंपरागत खेती से अलग विभिन्न बागवानी फसलों की खेती करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करना चाहती है।