नई दिल्लीः उचित मूल्यों पर आवश्यक वस्तुओं विशेषकर दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदमों पर चर्चा करने हेतु एक बैठक आज केंद्रीय उपभोक्ता मामले सचिव श्री हेम पांडे की अध्यक्षता में आयोजित की गई। राज्यों के मुख्य सचिवों, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया। बैठक के दौरान दालों एवं चीनी की उपलब्धता, राज्यों द्वारा तय की गई स्टॉक सीमा, थोक एवं खुदरा मूल्यों में अंतर को कम करने, केंद्रीय बफर स्टॉक से दालों के उठाव और डिब्बाबंद जिंस नियमों पर सख्ती से अमल की समीक्षा की गई।
बैठक के दौरान राज्यों ने यह जानकारी दी कि हाल के हफ्तों में दालों की कीमतों में गिरावट का रुख देखा गया है तथा इसमें अभी और गिरावट होने की आशा है। राज्यों ने बताया कि आवश्यक जिंसों पर स्टॉक सीमा लागू कर दी गई है और आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी रोकने के लिए कड़ी निगरानी की जाएगी। यह भी जानकारी दी गई कि विभिन्न स्थानों पर थोक एवं खुदरा मूल्यों में 7 फीसदी से लेकर 32 फीसदी तक का भारी अंतर देखा जा रहा है, जो चिंता का विषय है। इस संबंध में राज्यों ने थोक एवं खुदरा विक्रेताओं के साथ समय-समय पर बैठकें करने पर सहमति जताई, ताकि इस भारी अंतर अथवा मार्जिन को तर्कसंगत किया जा सके।
राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नजर रखने और केंद्र को विभिन्न बाजारों से अपनी दैनिक जानकारी देने के लिए अपने सूचना तंत्र को मजबूत करें। इसके अलावा, राज्यों से इस तरह के रिपोर्टिंग केंद्रों की संख्या बढ़ाने का भी आग्रह किया गया है ताकि कीमतों के बारे में जानकारी देने वाली व्यवस्था को और ज्यादा व्यापक बनाया जा सके।
राज्यों ने बफर स्टॉक से दालों का और ज्यादा आवंटन मांगने की अपनी इच्छा व्यक्त की। अब तक लगभग 7000 मीट्रिक टन का उठाव राज्यों द्वारा किया गया है। राज्यों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अपराधों की रोकथाम के लिए तमिलनाडु की तर्ज पर एक समर्पित पुलिस विभाग बनाएं और थोक विक्रताओं एवं आयातकों के स्टॉक को प्रदर्शित करने के साथ-साथ 45 दिनों के अंदर आयातित दालों का निपटारा सुनिश्चित करें।