नई दिल्ली: केन्द्र ने एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन8) से उत्पन्न स्थिति पर निरंतर निगरानी रखने के लिए पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग (डीएडीएफ) के संयुक्त आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इस समिति में स्वास्थ्य, पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि अनुसंधान और विस्तार विभाग (डीएआरई) तथा दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि हैं। यह समिति स्थिति पर निगरानी रखने के अतिरिक्त इन्फ्लूएंजा के फैलाव को नियंत्रित रखने में राज्य सरकार की सहायता करेगी।
केन्द्र ने पशुपालन, डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग (डीएडीएफ) में नियंत्रण कक्ष भी बनाया है।। टेलीफोन नंबर- 01123384190 तथा मोबाईल नंबर- 09448324121 पर नियंत्रण कक्ष से संपर्क किया जा सकता है। संयुक्त आयुक्त डॉ. मुनियालप्पा को नोडल अधिकारी बनाया गया है। वह 24 घंटे सलाह और सहायता के लिए उपलब्ध होंगे।
पशुओं की बीमारी के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा प्रयोगशाला- निषाद तथा चार क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं तथा आईवीआरआई स्थिति केन्द्रीय प्रयोगशाला को राज्य सरकारों को सभी सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि नमूने की जांच आपात रूप से करें। वास्तव में भोपाल प्रयोगशाला में दिल्ली सरकार से प्राप्त सभी 45 नमूनों की जांच निर्धारित 72 घंटे की अवधि में जैव सुरक्षा स्तर-4 की आवश्यकताओँ के अनुरूप की गई है तथा 13 मामलें एच5एन8 पोजिटिव पाए गए हैं। इसी तरह के परिणाम केरल, पंजाब तथा मध्य प्रदेश के मामलों में सामने आए है। अन्य राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार अब यह बीमारी नियंत्रण में है।
राज्यों के पशुपालन, डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग द्वारा चिड़ियाघरों में साफ-सफाई के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए है। इसके साथ-साथ मुर्गा मंडियों और मांस बिक्री वाले क्षेत्रों में भी साफ-सफाई के निर्देश दिए गए है। पक्षियों के संपर्क में आने वाले लोगों के लिए भी आवश्यक सावधानी बरतने संबंधी निर्देश दिए गए है हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि एच5एन8 के संक्रमण कम मामलों में ही पाए जाते हैं।
सभी पक्षी विहारों तथा झील वाले क्षेत्रों को सलाह दी गई है कि वह स्थिति पर नजर रखें और संदिग्ध रूप से पक्षियों की मृत्यु के मामले राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को सूचित करें। एवियन इन्फ्लूएंजा को नियंत्रित करने के संबंध में जैव सुरक्षा जारी रखने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा आगे किसी जांच परिणाम की आवश्यकता नहीं है। पशुपालन विभाग के अलावा भारत सरकार के स्वास्थ्य, शहरी विकास, पर्यावरण विभाग द्वारा पूरा समर्थन दिया जा रहा है और दिल्ली सरकार के साथ बीमारी को नियंत्रित के बारे में पूरी तरह संवाद स्थापित किया जा रहा है।
पुशपालन आयुक्त द्वारा दैनिक बैठकें की जा रही हैं ताकि आपात स्थिति में राज्य सरकारों को परामर्श दिया जा सके।
17 अक्टूबर, 2016 को दिल्ली के चिड़ियाघर में कुछ पक्षियों के मरने की खबर आई थी। उसके बाद 6 अन्य इलाकों से भी पक्षियों के मरने की खबर मिली थी। नमूने 17/10/2016 को जांच के लिए निषाद भेजे गए और उसी दिन इस बात की पुष्टि हुई कि की पक्षियों की मृत्यु एच5एनएच8 वायरस के कारण हुई है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है और घरेलू तथा प्रवासी पक्षियों वाले क्षेत्रों पर नजर रखने के लिए सभी राज्यों को आवश्यक परामर्श दिए गए हैं। भारत सरकार के पशुपालन, डेयरी तथा मत्स्य पालन सचिव श्री देवेन्द्र चौधरी स्वयं स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और प्रभावित राज्यों, विशेषकर दिल्ली, के मुख्य सचिवों के साथ निरंतर संपर्क में है।