देहरादून: कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन द्वारा सोमवार, 21 जनवरी से रविवार, 27 जनवरी तक सर्वाइकल कैंसर जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा हैं इस जागरूकता अभियान का लक्ष्य महिलाओं को सर्वाइकल स्क्रीनिंग परीक्षाओं (पेप स्मीयर टेस्ट) के लिए जागरूक एवं प्रोत्साहित करना और 11-18 साल की उम्र के बीच एचपीवी टीकाकरण को बढ़ावा देना है।
इस पूरे सप्ताह सस्था द्वारा सर्वाइकल कैंसर के बारे में निशुल्क परामर्श एवं पेप स्मीयर टेस्ट पर ५०% डिस्काउंट भी दिया जायेगा। इसकी सभी जानकारी संस्था की वेबसाइट में उपलब्ध हैं। कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ सुमिता प्रभाकर ने बताया की सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम एवं जागरूकता की जानकारी ‘मेरी माँ स्वस्थ माँ’ अभियान के अंतर्गत कई स्कूलों में उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इस सप्ताह के दौरान स्कूलों में जागरूकता के लिए कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन द्वारा विशेष पोस्टर्स बनाये गए हैं जिन्हे स्कूलों ले प्रधानाध्यापकों को भेजा जा रहा हैं।
हाल के आंकड़े बताते हैं कि 15 से 44 वर्ष की आयु में भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत का दूसरा सबसे आम कारण गर्भाशय-ग्रीवा या सर्वाइकल कैंसर है. अगर समय पर इलाज शुरू हो जाए, तो इस रोग से मुक्ति पाई जा सकती है.
कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉक्टर सुमिता प्रभाकर ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर ज्यादातर मानव पैपीलोमा वायरस या एचपीवी के कारण होता है. उन्होंने कहा कि एचपीवी संक्रमण यौन संपर्क या त्वचा संपर्क के माध्यम से फैलता है. कुछ महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में एचपीवी संक्रमण लगातार बना रहता है और इस रोग का कारण बनता है. इन परिवर्तनों का नियमित ग्रीवा कैंसर स्क्रीनिंग जिसे पेप स्मीयर टेस्ट भी कहते हैं द्वारा पता लगाया जा सकता है. पैप परीक्षण के साथ, गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं का एक सतही नमूना नियमित पेल्विक टेस्ट के दौरान एक ब्रश से लिया जाता है और कोशिकाओं के विश्लेषण के लिए एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण जैसे योनि से असामान्य रूप से खून बहना, रजोनिवृत्ति या यौन संपर्क के बाद योनि से रक्तस्राव, सामान्य से अधिक लंबे समय मासिक धर्म, अन्य असामान्य योनि स्राव, और यौन संसर्ग के दौरान दर्द के बीच रक्तस्राव हैं जिसे अनदेखा नहीं करना चाहिए.
डॉ. सुमिता प्रभाकर ने आगे बताया, “सर्वाइकल कैंसर को अक्सर टीकाकरण और आधुनिक स्क्रीनिंग तकनीकों से रोका जा सकता है, जो गर्भाशय ग्रीवा में पूर्वकाल परिवर्तन का पता लगाता है। ऐसे कई देश है जिन्होंने समय पर अग्रिम टीकाकरण द्वारा एवं पेप स्मीयर परिक्षण द्वारा सर्वाइकल कैंसर रोकथाम में सफलता हासिल की है। अभी भारत में लगभग २% महिलाएं को ही पेप परिक्षण की जानकारी है और समय पर परिक्षण करवा रही हैं, इसलिए सर्वाइकल कैंसर की जागरूकता बहुत आवशयक हैं।
गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर को रोकने के लिए कुछ सुझाव :
- एच पी वी टीकाकरण लगवाए
- कंडोम के बिना कई व्यक्तियों के साथ यौन संपर्क से बचें.
- हर तीन वर्ष में एक पेप टेस्ट करवाएं, क्योंकि समय पर पता लगने से इलाज में आसानी होती है.
- धूम्रपान छोड़ दें, क्योंकि सिगरेट में निकोटीन और अन्य घटकों को रक्त की धारा से गुजरना पड़ता है और यह सब गर्भाशय-ग्रीवा में जमा होता है, जहां वे ग्रीवा कोशिकाओं के विकास में बाधक बनते हैं. धूम्रपान प्रतिरक्षा तंत्र को भी दबा सकता है.
- फल, सब्जियों और पूर्ण अनाज से समृद्ध स्वस्थ आहार खाएं, मगर मोटापे से दूर रहें.